नई दिल्ली: कोरोना ने तो हर जगह तबाही मचा रखी है, लेकिन चीन में अब लोगों को कोरोना से खतरा बढ़ गया है. चीन में ऑमिक्रान वेरियंट ने आतंक मचा दिया है. अब चीन में सुनामी का भी अंदेशा जताया जा रहा है.
चीन की फूडान यूनिवर्सिटी के अनुसार अगर चीन ने अपने जीरो कोविड पॉलिसी यानि कोरोना संक्रमण को समाप्त न किया तो चीन की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जायेगी. और जुलाई तक 16 लाख से ज्यादा मौतें भी हो सकती है. कोविड प्रतिबंधों पर जरा सी डील देने पर जून से जुलाई में महामारी की रफ्तार बढ़ती जायेगी जिससे कोरोना की सुनामी का खतरा भी बढ़ जायेगा.
चीन के वुहान की बात करें तो दिसंबर 2019 में पहला मामला सामने आया था. 2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही थी तब चीन ने कोरोना वायरस को काबू में करने का दावा किया था. और 2021 में भी डेल्टा वेरियंट सामने आया था तो भी चीन ने 14 दिन में कोरोना वायरस को पूरी तरह खत्म करने का दावा किया था. लेकिन कोरोना के ऑमिक्रान वेरियंट ने तो चीन को हिला कर रख दिया है. ये वेरियंट इतना भयावह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी इससे डर कर अपने हाथ बांध लिए है.
चीन के शंघाई में तो हालत इतने खराब हो गये है कि वहां 6 हफ्तों से कड़े प्रतिबंध लगाए गए है. लॉकडाउन लगन से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन और लॉकडाउन और मॉस्क सेनेटाइजर ही एकमात्र तरीका है.
इस दौरान 11.22 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आएंगे और 51 लाख से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी. चीन में 5 करोड़ से ज्यादा बुजुर्गों ने वैक्सीन नहीं ली है. रिसर्चर्स का ये कहना है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाकर मौतों के आंकड़ों को कम किया जा सकता है. और ओमिक्रॉन की लहर में एक तिहाई मौतें 60 साल के या उससे ज्यादा आयु के बिना वैक्सीन वाले बुजुर्गों ती हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडोनॉम घेब्रेयेसस ने चीन की जीरो-कोविड पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं. और उन्होंने जेनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग में टोड्रोस ने कहा कि वायरस का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. इसलिए अब इस महामारी का खतरा रोकने के लिए कोई नया उपाय भी ढूढ़ना पड़ेगा. इसके बाद ही लोगों की जिंदगी बच सकती है.