Haryana New Governor: प्रो. असीम कुमार घोष होंगे हरियाणा के नए राज्यपाल, बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे
हरियाणा को नया राज्यपाल मिलने जा रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. असीम कुमार घोष को हरियाणा का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे निवर्तमान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे.
Haryana New Governor: हरियाणा को नया राज्यपाल मिलने जा रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. असीम कुमार घोष को हरियाणा का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे निवर्तमान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल चार वर्ष छह दिन का रहा। असीम घोष 1 नवंबर 1966 को अस्तित्व में आए हरियाणा राज्य के 19वें राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
बंडारू दत्तात्रेय का कार्यकाल रहा घटनाओं से भरपूर
करीब 78 वर्षीय बंडारू दत्तात्रेय ने 7 जुलाई 2021 को हरियाणा के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। उनके कार्यकाल में हरियाणा की राजनीति में कई बड़े बदलाव हुए। उन्होंने बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार के विघटन, नये मंत्रिमंडल के गठन और तीसरी बार बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में अहम भूमिका निभाई।
दत्तात्रेय उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने हरियाणा सरकार के मंत्रियों, सांसदों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकें लेना शुरू कर दी थीं, जो परंपरा से हटकर कदम था। हालांकि बाद में उन्होंने स्वयं को केवल संवैधानिक और सामाजिक कार्यों तक सीमित कर लिया।
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प्रो. असीम घोष: शिक्षा और राष्ट्रवाद का संगम
प्रोफेसर असीम घोष मूल रूप से हावड़ा, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। वे 1999 से 2002 तक बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और कोलकाता के मनिंद्र चंद कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्हें संघ और बीजेपी को बंगाल में मजबूत आधार देने का श्रेय दिया जाता है।
घोष को तपन सिकदर ने राजनीति में लाया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी संगठनात्मक निपुणता को देखते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद सौंपा था। वे बीजेपी में एक बुद्धिजीवी और विचारशील नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।
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राजनीतिक सक्रियता और संगठन निर्माण में योगदान
घोष ने 2 जून 2013 को हावड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था, हालांकि वे इस चुनाव में हार गए थे। बावजूद इसके, वे पार्टी में सक्रिय बने रहे और हाल ही में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में रहकर संगठनात्मक रणनीति बनाने में लगे हुए थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, और शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल ने असीम घोष की नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा कि वे हरियाणा के समग्र विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।
हरियाणा के राज्यपालों का इतिहास
सबसे लंबा कार्यकाल हरियाणा में बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती का रहा, जो 15 सितंबर 1967 से 26 मार्च 1976 तक राज्यपाल रहे। उनका कार्यकाल 8 वर्ष, 6 महीने और 11 दिन का रहा। वहीं सबसे कम समय तक कार्यवाहक राज्यपाल रहे ओम प्रकाश वर्मा, जिनका कार्यकाल केवल 6 दिन (2 जुलाई 2004 से 7 जुलाई 2004) का रहा।
रंजीत सिंह नरूला भी अल्पकालिक राज्यपाल रहे, जिन्होंने 27 मार्च 1976 से 13 अगस्त 1976 तक 139 दिन राज्यपाल का कार्यभार संभाला था।
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