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Right Sleeping Position: नींद की पोजीशन और सेहत का कनेक्शन, जानिए किस पोजीशन में सोना है आपके लिए फायदेमंद

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की पोजीशन का सीधा संबंध पाचन, रीढ़ की हड्डी, सांस की गुणवत्ता और चेहरे की त्वचा तक से होता है। आइए जानते हैं कि कौन-सी नींद की पोजीशन आपके लिए सही है।

Right Sleeping Position: नींद की पोजीशन और सेहत का कनेक्शन, जानिए किस पोजीशन में सोना है आपके लिए फायदेमंद
Right Sleeping Position: नींद की पोजीशन और सेहत का कनेक्शन, जानिए किस पोजीशन में सोना है आपके लिए फायदेमंद

Right Sleeping Position: नींद केवल शरीर की थकान मिटाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण स्वास्थ्य का आधार भी है। अच्छी नींद न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि शारीरिक संतुलन और ऊर्जा के लिए भी जरूरी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप किस पोजीशन में सोते हैं और इसका आपकी सेहत पर क्या असर होता है? एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की पोजीशन का सीधा संबंध पाचन, रीढ़ की हड्डी, सांस की गुणवत्ता और चेहरे की त्वचा तक से होता है। आइए जानते हैं कि कौन-सी नींद की पोजीशन आपके लिए सही है।

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करवट लेकर सोना – सबसे सामान्य और सुरक्षित विकल्प

करवट लेकर सोना सबसे ज्यादा प्रचलित और कई मामलों में सबसे फायदेमंद पोजीशन मानी जाती है।

यह पोजीशन खर्राटों को कम करने में मदद करती है।
रीढ़ की सीधी स्थिति बनाए रखने में सहायक है।
एसिड रिफ्लक्स और स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं में राहत देती है।

नुकसान

लंबे समय तक एक ही तरफ सोने से कंधे और कूल्हे में दबाव पड़ सकता है।
चेहरे की त्वचा पर झुर्रियों का खतरा बढ़ सकता है।

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पीठ के बल सोना – रीढ़ के लिए फायदेमंद लेकिन सभी के लिए नहीं

पीठ के बल सोना सिर, गर्दन और पीठ को संतुलित स्थिति में रखता है।
इससे जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ता और झुर्रियां बनने की संभावना भी कम होती है।
रीढ़ की हड्डी के लिए यह स्थिति आरामदायक मानी जाती है।

नुकसान

स्लीप एपनिया के मरीजों को यह पोजीशन नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि इससे सांस लेने में रुकावट आ सकती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए खासकर दूसरी और तीसरी तिमाही में यह पोजीशन उचित नहीं मानी जाती क्योंकि इससे भ्रूण तक रक्त प्रवाह कम हो सकता है।

बाईं करवट बनाम दाईं करवट – कौन बेहतर?

बाईं करवट सोना

पाचन के लिए बेहतर माना जाता है।
गुरुत्वाकर्षण के कारण पेट का एसिड नीचे की ओर रहता है जिससे एसिड रिफ्लक्स में राहत मिलती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह सबसे उपयुक्त पोजीशन है क्योंकि यह रक्त संचार को बेहतर बनाती है।

दाईं करवट सोना

यह पोजीशन कुछ मामलों में एसिडिटी को बढ़ा सकती है।
लीवर और अन्य अंगों पर थोड़ा दबाव डाल सकती है।

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किन लोगों को कौन-सी पोजीशन से बचना चाहिए?

स्लीप एपनिया – पीठ के बल सोने से बचें।

एसिडिटी या गैस की समस्या – बाईं करवट सोना बेहतर है।

गर्भवती महिलाएं – तीसरी तिमाही में पीठ के बल न सोएं, बाईं करवट सोएं।

कंधे या कूल्हे में दर्द – करवट लेकर सोने पर तकिए का सहारा लें।

हर व्यक्ति की शारीरिक जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए सोने की पोजीशन भी व्यक्ति विशेष के अनुसार चुनी जानी चाहिए। हालांकि करवट लेकर और खासतौर पर बाईं करवट सोना अधिकतर लोगों के लिए फायदेमंद होता है। यदि किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर या नींद विशेषज्ञ से परामर्श लेना सबसे उचित होगा। याद रखें, अच्छी नींद ही अच्छी सेहत की कुंजी है।

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Sarita Maurya

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