गोपालगंज के लाल व एनएसजी जवान दीपक कुमार सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। उनकी पत्नी माधुरी 2 माह की गर्भवती हैं। माधुरी ने बताया कि ‘अक्सर वो कहा करते थे कि तुमसे पहले मेरा देश है और देश से किया हुआ वादा निभाना है। जो भाग्यशाली होते हैं, वही देश के लिए शहीद होते हैं। मेरी शहादत पर तुम आंसू मत बहाना।’ माधुरी ने कहा कि ‘मेरे पति मरे नहीं है, शहीद हो गए हैं। उनके शहादत को सैलूट करती हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि फोन पर उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि फरवरी तक आऊंगा। मार्च-अप्रैल तक पोस्टिंग आने के बाद तुम्हें अपने साथ ले कर चलूंगा।’ वहीं, एनएसजी कमांडो के अधिकारियों व कमांडो फोर्स द्वारा फायरिंग कर उन्हें अंतिम सलामी दी गई। वहीं, उनकी अंतिम विदाई के हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। चारों ओर शहीद दीपक अमर रहे, भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा, दीपक तेरा नाम रहेगा… के नारों से गूंज उठा। इधर, शहीद जवान के भाई विनोद सिंह ने बताया कि दीपक कुमार 2011 में देश सेवा में एनएसजी जवान बना था। पिछले नवंबर तक उनकी ड्यूटी अमरनाथ में थी, अमरनाथ से हटने के बाद वे घर आए थे। इसके बाद उनकी तैनाती लेह में थी। उनकी शादी 2014 में पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के माधोपुर छपरा गांव में माधुरी के साथ शादी हुई थी। एक बच्ची आराध्या है।
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