मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बडा बयान , नकल माफिया की जब्त होगी संपत्ति
Yogi action on Nakal Mafia: (meritorious) मेधावियो के भविष्य से खिलवाड करने वाले माफिया और सॉल्वर गैंग की कसेगी नकेल, अब नकल माफिया को 14 साल की जाल, 25 लाख तक का जुर्माना.
उत्तर प्रदेश में मेधावियो के भविष्य से खिलवाड करने वाले नकल माफिया और सॉल्वर गैंग को जेल भेजने के साथ उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी. उनकी नकेल कसने के लिए राज्य सरकार भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनो के प्रयोग के लिए नया और सख्त कानून बनाने जा रही है. आपको बता दें प्रस्तावित कानून में दोषियो को 14 साल तक कैद की सजा और 25 लाख रूपये जुर्माने का भी प्रावधान है. यही नही, आरोपियो की संपत्ति जब्त करने के साथ कुर्की और नीलामी की कार्रवाई भी की जाएगी.
राज्य विधि आयोग ने प्रतियोगी एंव शैक्षणिक परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नपत्रो को लीक होने से रोकने व सॉल्वर गैंग पर लगाम लगाने के लिए कानून का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है.
जल्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने विभिन्न राज्यो के इससे जुडे कानूनो का अध्ययन करने के बाद मसौदा तैयार किया है. (contract) मसौदा में 28 भाग है. इसके अनुसार कार्रवाई का निर्धारण पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से किया जाएगा.
- यदि कोई व्यक्ति , प्रिंटिंग प्रेस , सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध पत्र और कोचिंग संस्थान अनुचित साधनों में लिप्त मिला तो 14 साल की सजा तथा 25 लाख रूपये तक का जुर्माना भरना पडेगा.
- यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में खुद नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्य़ी को नकल कराते हुए पकडा जाता है तो उसे सात साल की सजा व पांच लाख रूपये तक का जुर्माना भरना पडेगा.
- परीक्षार्थी यदि दोबारा नकल करने या कराने का दोषी पाया जाता है, तो मौजूदा तीन साल की सजा व तीन लाख जुर्माने की जगह दस साल की सजा व दस लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है.
यूपी पीसीएस में भी लगा चुके सेंध
आपको बता दें नकल माफिया और सॉल्वर गैंग उत्तर प्रदेश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी पीसीएस) की परीक्षा में भी सेंध लगा चुके है यूपी पीसीएस की अप्रैल 2015 में हुई प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था डिसके चलते परीक्षा निरस्त करनी पडी थी.