क्या मध्य प्रदेश चुनाव में बजरंगबली के सहारे हिंदुत्व का कार्ड खेलेगी कांग्रेस ?
Political news Madhya Pradesh: धर्म बिकता है। धर्म के नाम पर लोग पाला बदलते हैं। यह आदि काल से चला आ रहा है। कोई भूख से परेशान होकर धर्म बाला लेता है। देश के भीतर बहुत से लोग और आदिवासी समाज का धर्मान्तरण भूख और बेवसी की वजह से ही तो हुई है। कोई हिन्दू से ईसाई क्यों बनता है ? कभी सोच कर देखिये। कारण बहुत से हो सकते हैं। लेकिन मुख्य कारण गरीबी ,लाचारी और भूख ही होती है। कोई दबाव में धर्म बदलता है तो कोई कई तरह की लालच में। कोई प्रेम प्रसंग में धर्म बदल लेता है तो कोई धर्म को परखने के लिए खुद बदलता है। धर्मांतरण के कई पहलू हैं। अब राजनीति का भी धर्मांतरण होने लगा है। जो भगवान को माने और भगवान को जाने उसके पाले में भी लोग जाने को तैयार है। बीजेपी अब तक इसी का लाभ लेती रही है। बीजेपी को लगता रहा है कि वह धार्मिक पार्टी है। लेकिन ऐसा नहीं। पिछले दिनों मध्यप्रदेश में ही पुरु बजरंग सेना कांग्रेस के साथ जा मिली। यह धर्मांतरण ही तो है। पहले वे बीजेपी के जयकारे लगाते थे अब कांग्रेस के जयकारे लगा रहे हैं।
कांग्रेस के भगवा वस्त्र ! लेकिन यह सच है।
सामने मध्य प्रदेश का चुनाव है। बीजेपी पिछले 18 सालों से यहाँ सत्ता पर बैठी है। शिवराज सिंह का चेहरा चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो लेकिन लोग ऊब तो गए हैं। लोग अब बदलाव चाहते हैं। या तो शिवराज बदले या फिर कोई दूसरी पार्टी की सरकार को। लोकतंत्र का यही तकाजा भी तो है। लेकिन यह जनता जनार्दन के हाथ में है। जनता जो चाहेगी वही होगा। जिसका दाव जितना बड़ा ,उसके साथ जनता की भीड़ उतनी बड़ी। तमाशा शुरू हो चूका है।
आज प्रियंका गाँधी जबलपुर पहुंची।
पहले नर्मदा माता की पूजा की फिर शहीद चौक पर रैली का सम्बोधन किया। पुरे मिजाज में थी प्रियंका गाँधी। साथ में थे कांग्रेस के बहुतेरे नेता। प्रियंका ने कहा कि 18 साल हो गए। लोगों को अब अपना मिजाज बदलना चाहिए। देखिये कांग्रेस की जहाँ सरकार है वहाँ क्या क्या हो रहा है। अब आप मिलकर देखिये। सरकार से सवाल पूछिए। यही आपकी ताकत है। चुप रहने से कुछ नहीं मिलेगा।
प्रियंका भावुक सी हुई। फिर रौ में आई। कहने लगी निर्माण करना बेहद कठिन काम है। जो निर्माण करते हैं उनसे जाकर पूछिए कि निर्माण करने में कितनी बाधाएं आती है। लेकिन सत्ता का सुख भोगना दूसरी बात है। भोगने वाले को निर्माण की चिंता कहाँ होती है ?
इसके साथ ही प्रियंका ने और भी कई बातें कही है।
लेकिन जबलपुर की यह रैली कई मायने भी दिखा गई है। जिस तरह से जबलपुर में जगह -जगन बजरंगबली के भारी भड़कम गदा का प्रदर्शन किया गया इससे साफ़ हो गया को गे कि कांग्रेस आगमी चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ेगी। बीजेपी ने बजरंगबली का इस्तेमाल कर्नाटक में तो किया था ,सफल नहीं हो पाई। अब कांग्रेस का यह खेल निराला और रोचक भी है। जबलपुर के आदि शंकराचार्य चौक पर बजरंग बली की तीस फ़ीट की गदा लगाईं गई है। यह गदा कटहल का विषय बनी हुई है। इसके साथ ही जबलपुर के कई स्थानों पर भी इसी तरह की गदा रखी गई है। रैली के दौरान कई कांग्रेसी हनुमान जी के रूप में रैली तक पहुंचे। लोगों ने खूब लुफ्त लिया। जाहिर है कि कांग्रेस हिंदुत्व का कार्ड खेलेगी। लेकिन कट्टर हिंदुत्व का नहीं।
इस खेल में कितना वह सफल होगी देखना बाकी है।
कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश के चुनावी खेल में बजरंग बली की एंट्री हो गई है। रैली स्थल पर भी बजरंग बली की गदा लगाई गई थी। मानो यह चुनावी प्रतीक हो। बीजेपी वाले भी अचरज में हैं। ये क्या हो रहा है। कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार में भगवान राम की भी एंट्री हो सकती है। कई और देवता भी अवतरित हो सकते हैं। शिव भक्तो के लिए शिव को भी लाया जाया सकता है। जनता के मुद्दों से अलग यह सब जो हो रहा है इसकी शुरुआत कहाँ से हुई ?
फ़िलहाल इस पर विचार करने की जरूरत है।
कांग्रेस के इस खेल पर सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गाँधी चुनावी हिन्दू हैं। उन्हें चुनाव के समय मंदिर ,नर्मदा मैया ,गंगा की याद आती है। प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस पाखंड को समझ रही है।