Rajya Sabha seats:चुनाव आयोग ने राज्यसभा की दस सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की है। ये चुनाव 24 जुलाई को होने हैं। तीन राज्यों में ये दस सीट के चुनाव होने हैं। अब इसमें यह कयास लगाए जा रहे है कि इस चुनाव में किसको टिकट मिलेगी और कौन वापस आएगा ?
बता दें कि एक सीट गोवा की है। वहां भी चनाव होने हैं। अभी यह सीट बीजेपी के पास ही है। मन जा रहा कि इस चुनाव में भी यह सीट बीजेपी को ही जाएगी। विपक्ष के पास इतने वोट नहीं है जो बीजेपी को चुनौती दे सके। इसके बाद तीन सीट गुजरात की है। वहां भी बीजेपी के खाते में ही तीनो सीट जाएगी। अभी भी ये तीनो सीट बीजेपी के पास ही है। गजरात की एक सीट से अभी एस जयशंकर राज्य सभा सदस्य हैं। उनका समय ख़त्म हो रहा है। उनका भी राज्य सभा में जाना तय है। जाहिर है एक सीट से जाईशानकर चुन फिर से आ सकते हैं। पहले कहा जा रहा था कि जयशंकर को दिल्ली से लोक सभा चुनाव लड़ाया जायेगा। लेकिन लोकसभा चुनाव तो अगले साल है। और वैसे भी उनका मंत्री बने रहना भी जरुरी है। जयशंकर मोदी के भी खास हैं। इसलिए गुजरात की एक सीट से जयशंकर को फिर चुना जा सकता है।
लेकिन गुजरात के बाकी दो सीटों से जो बीजेपी सदस्य बने थे उनका फिर से चुना जाना मुश्किल है। जुगल सिंह माथुर और दिनेश चंद्र अनवादिया की वापसी इस बार मुश्किल लग रही है। कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी यहाँ से कोई नए चेहरे को राज्य सभा में भेज सकती है। खबर ये भी है कि जातीय आधार पर किसी मजबूत युवा नेता को बीजेपी राज्य सभा भेज सकती है। वैसे पुराने दोनों राज्य सभा सदस्य अभी भी भाग दौर कर रहे हैं लेकिन उन्हें बता दिया गया है कि इस बार राज्य में पार्टी को मजबूत करने का काम करें। एक खबर ये भी है इस बार उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है।
बाकी छह सीटें पश्चिम बंगाल की है। इसमें से अभी पांच सीटें तृणमूल कांग्रेस के खाते में है जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में है। इस बार कांग्रेस प्रदीप भट्टाचार्य की सीट गवांने जा रही है क्योंकि राज्य विधान सभा में उसका एक भी विधायक नहीं है। यह सीट इस बार बीजेपी के खाते में जा सकती है। बीजेपी के राज्य में 75 विधायक है। इस बार फिर से टीएमसी को पाँचों सीटें फिर से मिल जाएगी। उसके रिटायर हो रहे सांसदों में सबसे चर्चित सांसद डेरेक ओ ब्रायन हैं। वे लगातार दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। दिल्ली में वे पार्टी के चेहरा हैं इसलिए उम्मीद की जा रही है कि तीसरी बार भी वे चुने जा सकते हैं। उनके अलावा सुखेंदु शेखर रॉय ,सुष्मिता देव ,डोला सेन और शांता क्षेत्री भी रिटायर हो रहे हैं। इनमे से शुकंदु राय को छोड़कर बाकी तीन नामो की वापसी अनिश्चित है।
बाकी छह सीटें पश्चिम बंगाल की हैं। इन छह में से पांच सीटें तृणमूल कांग्रेस के खाते में है और एक सीट कांग्रेस की है। कांग्रेस प्रदीप भट्टाचार्य की सीट गंवाने जा रही है क्योंकि राज्य की विधानसभा में उसका एक भी विधायक नहीं है। यह सीट भाजपा के खाते में चली जाएगी, जिसके 75 विधायक हैं। तृणमूल कांग्रेस को अपनी पांचों सीटें वापस मिल जाएंगी। उसके रिटायर हो रहे सांसदों में सबसे अहम नाम डेरेक ओ ब्रायन का है। वे लगातार दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। दिल्ली में वे पार्टी का चेहरा हैं इसलिए उम्मीद की जा रही है कि उनको तीसरा मौका मिल सकता है। वे अखबारों में अखबारों में पार्टी के पक्ष में लिखते हैं और सर्वदलीय बैठकों में पार्टी का नेतृत्व करते हैं। उनके अलावा सुखेंदु शेखर रॉय, सुष्मिता देब, डोला सेन और शांता छेत्री रिटायर हो रहे हैं। इसमें सुखेंदु शेखर राय को छोड़ कर बाकी तीनों की टिकट अनिश्चित है।