PMLA ACT: केंद्र सरकार ने यानि की गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) को PMLA यानि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में शामिल कर लिया है। इसके लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने 8 जुलाई शनिवार देर रात एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें केंद्र सरकार ने GSTN यानि की गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क को PMLA की कार्रवाई का अधिकार दिया गया है.
केंद्र सरकार के इस फैसले से अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क संग्रहीत (stored) जानकारी मांगी जा सकेगी। इससे टैक्स चोरी और कागजात में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही GST के तहत होने वाले अपराध जैसे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (credit), फर्जी चालान आदि को PMLA एक्ट में शामिल किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी बिलिंग के माध्यम से कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को और अधिक ताकत मिलेंगी।
छोटे व्यापारियों को मिलेगा सॉफ्टवेयर
केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क की जानकारियां अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 66 (1) (iii) के तहत साझा की जाएंगी। इसके अलावा GSTN छोटे कारोबारी को अपने अकाउंट रखने के लिए मानक सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध कराएगा, ताकि इसे सीधे GSTN वेबसाइट पर उनके मंथली रिटर्न को अपलोड किया जा सके।
GSTN क्या है ?
आपको बता दें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) एक मजबूत IT नेटवर्क है, जिसे सरकार ने GST की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया है। यह एक नॉन प्रोफिटेबल संस्था है।गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क के एग्जीक्यूशन के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क केंद्र और राज्य सरकारों, टैक्सपेयर्स (tax payers) और अन्य स्टेकहोल्डर्स (stakeholder) को एक साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस प्रोवाइड करता है।
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क्या है PMLA कानून?
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA का मतलब 2 नंबर के पैसे को हेरफेर कर ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कानून है। ये एक्ट मनी-लॉन्ड्रिंग (money-laundering) को रोकने, मनी-लॉन्ड्रिंग से प्राप्त या उसमें शामिल संपत्ति को जब्त करने और उससे जुड़े मामलों के लिए प्रावधान करने के लिए बनाया गया है।
कब लागू हुआ था PMLA?
बता दें PMLA 2002 में NDA के शासनकाल में बना था। ये कानून 2005 में कांग्रेस शासनकाल में, जब पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री (finance minister) थे तब लागू हुआ था। PMLA कानून में पहली बार बदलाव भी 2005 में पी. चिदंबरम ने ही किया था।