Moracco Earthquake: मोरक्को (Morocco) मिडिल ईस्ट (MIDDLE EAST) का वो देश है जो अपनी खूबसूरती और छोटी-छोटी गलियों के लिए जाना जाता है। ऐतिहासिक ईमारतें (HISTORICAL MONUMENT), पुराने शहर और प्राचीन मस्जिदें, ये सब देखकर ऐसा लगता है कि ये देश इतिहास (HISTORY) को अपने अंदर समेटे हुए है। लेकिन शुक्रवार की रात इस देश के लिए काफी भारी रही। मोरक्को (Morocco earthquake) में शुक्रवार को आए भूकंप ने हजारों घरों को उजाड़ दिया। लोग अपनों के लिए तरसते हुए नजर आए और पूरे देश में मौत का मातम छा गया। मोरक्को (Morocco earthquake) में आए भूकंप से अभी तक 2100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, ये आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है, जबकि 2000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों की अगर बात की जाए तो घायलों का आंकड़ा भी कोई कम नहीं है, हजारों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
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युद्धस्तर पर सेना का ‘रेस्क्यू’ (RESCUE) जारी
भूकंप के बाद से लोग अपनों की तलाश में जुटे हुए हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर सुरक्षाकर्मी युद्धस्तर पर रेस्क्यू कर रहे हैं। सेना (ARMY) के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रभावित गांवों तक पहुंचने की है। चूंकि वहां पर रास्तें पूरी तरीके से टूट चुके हैं। जिससे की सेना पीड़ितों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रही है।
120 साल का सबसे ताकतवर भूकंप
जियोलॉजिकल सर्वे (JIOLOGICAL SERVEY) के अनुसार 2000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 6.8 रही। जबकि जियोलॉजिकल सेंटर (JIOLOGICAL SERVEY) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। जो कि शुक्रवार की देर रात को आया था। ये भूकंप इस इलाके में 120 साल में सबसे ताकतवर भूकंप है।
दो वक्त की रोटी नहीं हो रही ‘नसीब’!
इस महा विनाश से जिन लोगों ने अपनी जिंदगी बचा ली है, वो लोग दर-दर खाने के लिए भटक रहे हैं। घर, बिल्डिंग, होटल सब कुछ मलबे में तब्दील होने के चलते लोगों को खाना तक नहीं मिल पा रहा है। जिससे की लोग भूखे प्यासे ही दम तोड़ रहे हैं।
मलबे में अपनों की तलाश करते लोग
हजारों की संख्या में लोग जिंदगी से जंग हार चुके हैं। जबकि इतनी ही संख्या में लोग जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। सरकार (GOVERNMENT) और सेना तो अपनी ओर से पूरी कोशिश कर ही रही है , लेकिन लोग अपनों की तलाश में खुद जान हथेली पर रखकर निकल पड़े हैं। लोग अपनों को मलबे में खोज रहे हैं।
सांस्कृतिक विरासत को ‘तगड़ा’ नुकसान
मोरक्को का नाम सामने आते ही लोगों के मन में सबसे पहले ‘सांस्कृतिक विरासत’ आती हैं। लेकिन इस तबाही ने मोरक्को की सांस्कृतिक विरासतों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार 12वीं सदी की एक मस्जिद ढह चुकी है। जो कि मोरक्को के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है। UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक माराकेश में पर्यटकों का ध्यान खींचने वाली लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार मोरक्को में आई तबाही से वहां पर हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं।
‘महाशक्तियों’ ने जताया दुख
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (NARENDRA MODI) ने मोरक्को में आए भूकंप पर दुख जताया है। पीएम( PRIME MINISTER) ने G-20 सम्मेलन के दौरान दुख जताते हुए कहा था कि ‘मैं मोरक्को में आए भूकंप से काफी दुखी हूं, भारत इस दुख की घड़ी में मोरक्को के साथ खड़ा है। हम हर संभव मदद देने को तैयार हैं। साथ ही अमेरिका (AMERICA) के राष्ट्रपति (PRESIDENT) जो बाइडेन (JO BIDEN) और ब्रिटेन के पीएम ( PRIME MINISTER) ऋषि सुनक (RISHI SUNAK) ने भी मोरक्को को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।