Jaishankar On Kashmir: कश्मीर पर बड़ा बयान, जयशंकर बोले – पाकिस्तान को लौटाना होगा पीओके, तभी सुलझेगा पूरा मसला
Jaishankar On Kashmir: लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) वापस करना होगा, क्योंकि यह क्षेत्र अवैध रूप से कब्जा किया गया है। उन्होंने कहा कि पीओके की वापसी के साथ ही कश्मीर से जुड़ा पूरा मसला सुलझ जाएगा। इसके अलावा, जयशंकर ने भारत-अमेरिका व्यापार, चीन के साथ भारत के संबंधों और वैश्विक अर्थव्यवस्था में रुपये की भूमिका पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
Jaishankar On Kashmir: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन स्थित प्रतिष्ठित थिंक टैंक चथम हाउस में एक विशेष सत्र में हिस्सा लिया। इस सत्र का विषय था “भारत की वृद्धि और दुनिया में भूमिका”, जिसमें उन्होंने कश्मीर, वैश्विक अर्थव्यवस्था, अमेरिका और चीन के साथ भारत के संबंधों पर अपनी बेबाक राय रखी। सबसे अहम बात यह रही कि उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर कड़ा संदेश दिया। जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान को चोरी किया हुआ कश्मीर वापस करना होगा, तभी कश्मीर मसले का पूर्ण समाधान होगा।”
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में विकास और लोकतंत्र की बहाली
सत्र के दौरान जब जयशंकर से कश्मीर को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत ने कश्मीर से जुड़ी अधिकांश समस्याओं का समाधान कर लिया है। उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाना एक ऐतिहासिक कदम था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हो गई।
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जयशंकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर में बुनियादी ढांचे, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय की बहाली को प्राथमिकता दी है। उन्होंने हाल ही में हुए चुनावों का भी जिक्र किया, जिनमें अभूतपूर्व रूप से बड़ी संख्या में मतदाताओं ने भाग लिया। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब लोकतंत्र में पूरी तरह शामिल हो रहे हैं और विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बन रहे हैं।
पीओके पर जयशंकर का कड़ा संदेश: ‘चोरी किया गया क्षेत्र वापस चाहिए’
जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर कहा कि “हम उसी चीज का इंतजार कर रहे हैं, जो चोरी से पाकिस्तान के कब्जे में है।” उन्होंने भरोसा जताया कि जब यह क्षेत्र भारत को वापस मिलेगा, तब जाकर कश्मीर की समस्या पूरी तरह से हल हो जाएगी।
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत की नीति हमेशा से स्पष्ट रही है – कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों पर चर्चा
अमेरिका और भारत के संबंधों पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है, जो भारत के लिए सकारात्मक है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीतियां भारत के रणनीतिक और आर्थिक हितों के अनुरूप हैं।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता को स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल वाशिंगटन में वार्ता कर रहे हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत हो चुकी है। जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों के लिए एक सकारात्मक कदम बताया।
चीन के साथ संबंधों पर जयशंकर का बयान
चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों का रिश्ता अद्वितीय है, क्योंकि ये दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। उन्होंने भारत-चीन संबंधों में आपसी सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखने पर जोर दिया।
उन्होंने 2024 के बाद की कुछ घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें तिब्बत में कैलाश पर्वत यात्रा मार्ग का उद्घाटन भी शामिल है। जयशंकर ने कहा कि भारत एक संतुलित संबंध चाहता है, जो दोनों देशों के हितों के अनुकूल हो। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा और सीमाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।
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वैश्विक अर्थव्यवस्था और रुपये की भूमिका
जयशंकर ने डॉलर के बढ़ते वर्चस्व और रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की जरूरत पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत अपनी मुद्रा को वैश्विक व्यापार में अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर पर अत्यधिक निर्भरता उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
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जयशंकर ने कहा कि भारत अपने आर्थिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका बढ़ सके।
भारत की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति पर जोर
इस सत्र के दौरान जयशंकर ने भारत की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीतियों को खुलकर रखा। उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर में शांति, विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। साथ ही, उन्होंने अमेरिका और चीन के साथ भारत के संबंधों पर भी अपनी स्पष्ट सोच रखी।
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए जरूरी सुधारों को आगे बढ़ा रहा है।