Malegaon Bomb Blast: मालेगांव धमाका मामले में उठा एक बहुत बड़ी साजिश से परदा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर खुलासा
Malegaon Bomb Blast: मालेगांव धमाके के मामले में विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं और तत्कालीन सांसद एंव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फसाने के लिए और इस पूरे मामले में उन्हें फसाने के लिए कर्नल पुरोहित को ATS के अधिकारीयों द्वारा प्रताड़ित किया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि, माहाराष्ट्र ATS मालेगाँव आतंक मामले में त्कालीन सांसद एंव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विक्ष्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं को फसाना चाहती थी।
बम धमाके की जिम्मेदारी लेने के लिए ATS ने कर्नल पुरोहित को लगातार यातनाएं दी थी। कर्नल पुरोहित का कहना है कि महाराष्ट्र ATS Squad उनसे उनके ख़ुफ़िया मिशन की सारी जानकारी निलकवाने के लिए लगातार दबाव डाल रही थी। कोर्ट के सामने कर्नल पुरोहित ने इन सभी बातों का खुलासा किया है।
बुधवार 8 मई, 2024 को मुंबई के कोर्ट में कर्नल पुरोहित ने यह बयान दिया कि, “मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जो किसी जानवर के साथ भी नहीं किया जाता। मेरे साथ युद्ध बंदी से भी बदतर व्यवहार किया गया। हेमंत करकरे, परमबीर सिंह और कर्नल श्रीवास्तव लगातार इस बात पर जोर देते रहे कि मैं मालेगांव बम धमाके के लिए खुद को जिम्मेदार बता दूं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं RSS, VHP के वरिष्ठ नेताओं और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम लूं। उन्होंने मुझे 3 नवम्बर, 2008 तक यातनाएं दी।”
कर्नल पुरोहित का कहना था कि यह सब कुछ तत्कालीन UPA सरकार और राज्य की कांग्रेस-NCP सरकार के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उनके आदेश और इसारे पर ही किया गया था। अपनी गिरफ्तारी और मालेगांव के मामले में कर्नल पुरोहित का कहना था कि सब पूर्व नियोजित तरीके से किया गया था।
कर्नल पुरोहित ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा कि, “करकरे और परमबीर सिंह बार-बार मुझ पर अपने खुफिया नेटवर्क की जानकारी देने के लिए दबाव डाल रहे थे। यह लोग मुझसे अपने उन मुखबिरों की सूची देने को कह रहे थे जिन्होंने आतंकी संगठन SIMI, ISI और डॉ. जाकिर नाइक की गतिविधियों का पता लगाने में मेरी सहायता की थी। मैंने अपने नेटवर्क का खुलासा करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह मुझे स्वीकार्य नहीं था।”
तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व पर हिन्दू आतंकवाद का नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाते हुए कर्नल पुरोहित ने कहा कि, “अचानक अगस्त 2008 में , NCP अध्यक्ष (शरद पवार) ने अलीबाग में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक रैली में बयान दिया कि सिर्फ़ आतंकवादी इस्लामी ही नहीं हैं, बल्कि हिंदू आतंकवादी भी हैं। यह पहली बार था जब ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द सामने आया था। इस बयान के बाद 29 सितंबर, 2008 की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और उसमे हिन्दुओं को आतंकवादी बताया गया।”
ATS पर आरोप लगाते हुए कर्नल पुरोहित ने कहा की वो गवाहों से बन्दूक की नोक पर बयान दिलवाने का काम करती थी। उन्हें यातनाए देती थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी भी की गई थी, जिसका कागजों में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। जहां उनको तरह तरह की यातनाए दी गई, उनके साथ मारपीठ की गई, जहां उनका पैर तक तोड़ दिया गया। इस पुरे संदर्भ में कर्नल पुरोहित ने अपने एक सीनियर कर्नल पीके श्रीवास्तव पर भी आरोप लगाए हैं।