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​Mumps Outbreak In Kerala: नई बीमारी की दस्तक, एक दिन में Galsua के 190 केस, जानिए क्या हैं लक्षण?

​Mumps Outbreak In Kerala latest News: केरल इन दिनों गलसुआ रोग की चपेट में है। केरल स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 से अब तक कुल 11,467 मामले सामने आए हैं। आइए जानते हैं कि हम कण्ठमाला (Mumps) के दर्द से खुद को कैसे बचा सकते हैं।

केरल इन दिनों गलसुआ का प्रकोप झेल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन इलाज कराने वाले बच्चों की औसत संख्या जनवरी में 50 से बढ़कर मार्च में 300 हो गई है, जो बीमारी की व्यापकता को दर्शाता है। राज्य में 10 मार्च को एक ही दिन में 190 मामले दर्ज किए गए। केरल स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 से अब तक कुल 11,467 मामले सामने आए हैं।

​बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की व्यापकता पर नजर रखनी शुरू कर दी है और इससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिये हैं। गलसुआ क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और हम इससे कैसे बच सकते हैं? विस्तार से एक-एक करके जानते हैं।

गलसुआ (Mumps) क्या होता है?

बता दें मम्प्स (Mumps) को कण्ठमाला भी कहा जाता है। आसान भाषा में समझें तो यह एक संक्रामक बिमारी है जो ज्यादातर गाल के नीचे जबड़े के पास स्थित पैरोटिड ग्रंथियों में संक्रमण फैलने से होता है। इससे चेहरा ख़राब हो जाता है और गालों और गर्दन में तेज़ दर्द होता है। कण्ठमाला के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते हैं। इस रोग में धीरे-धीरे कान के ठीक सामने जबड़े में सूजन आ जाती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है, इसलिए यह गंभीर है।

Galsua की पहचान कैसे होगी?

गले और गर्दन में सूजन, बुखार, सिरदर्द, भूख न लगना, चबाने और निगलने में कठिनाई कण्ठमाला (Mumps) के कुछ सामान्य लक्षण हैं। कण्ठमाला के लक्षण टॉन्सिल के समान होते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर पुष्टि के लिए रक्त का परीक्षण करते हैं और फिर उपचार प्रदान करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कण्ठमाला रोग को ठीक होने में आमतौर पर 10-12 दिन लगते हैं।

किसे चपेट में लेता है गलसुआ?

कण्ठमाला (Mumps) आम तौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करती है, मगर यह देखा गया है कि किशोर और वयस्क (teenagers and adults) भी गंभीर बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में इसके साथ बिल्कुल भी लापरवाही नही बरतनी चाहिए। बदन दर्द, बुखार, सिरदर्द और चेहरे-गले में सूजन जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए। लापरवाही बीमारी को पैर फैलाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

​​गलसुआ के भीषण दर्द से कैसे बचें?

गलसुआ के लिए खास इलाज नहीं है। इस रोग में पेरोटिड ग्रंथि में सूजन की वजह से मरीज को बहुत दर्द होता है, जिसे कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं। इसके अलावा बर्फ या फ्रोजन मटर से सिकाई की जा सकती है। गलसुआ होने पर डॉक्टर खूब सारा पानी पीने की सलाह देते है। गलसुआ में गर्म पानी का गरारा करने से भी दर्द में आराम मिलता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Prachi Chaudhary

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