Adani Group News: अडानी समूह को लेकर कांग्रेस ने सेबी और आरबीआई से पूछे कई सवाल
अडानी समूह (Adani Group) की जांच को लेकर कांग्रेस ने फिर से दो सवाल किये हैं। पार्टी महासचिव जय राम रमेश ने सेबी और आरबीआई को पत्र लिखकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोप की जांच की मांग की है।
अडानी समूह (Adani Group) की जांच को लेकर कांग्रेस ने फिर से दो सवाल किये हैं। पार्टी महासचिव जय राम रमेश ने सेबी और आरबीआई को पत्र लिखकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोप की जांच की मांग की है। रमेश ने आरबीआई गवर्नर शशिकांत दस और सेबी प्रमुख माधवी पूरी बुच को पत्र लिखकर कहा है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली का सही अडानी जोखिम क्या है और अडानी समूह को स्पष्ट और निहित गारंटी क्या है कि अगर विदेशी फंड बंद हो जाती है तो भारतीय बैंकों द्वारा उसे उबार लिया जाएगा ? इन दोनों सवालों के पूर्ण जवाब की मांग कांग्रेस ने की है। जयराम रमेश ने अपने पत्र में लिखा है कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वित्तीय स्थिरता की जोखिमों की जांच करनी चाहिए और उन्हें नियंत्रित भी किया जाए। वही सेबी को लिखे पत्र में रमेश ने ऐसी जांच की मांग की है जो पूर्ण भी हो और बिना पक्षपात के हो। रमेश ने साफ़ तौर पेपर कहा है कि ऐसा करने में कोई भी नाकामी कॉर्पोरेट गवर्नेंस और देश के वित्तीय नियामकों पर बुरा असर डालेगी।
जयराम रमेश ने एलआईसी और एसबीआई से जुड़े सवाल भी किये हैं। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर एलआईसी और एसबीआई ने अडानी समूह की इक्विटी को भारी मात्रा में क्यों खरीदा है ?उन्होंने कहा कि एलआईसी पर देश के 30 अपने बचत के लिए भरोसा करते हैं और अभी अडानी समूह के शेयरों में हजारो करोड़ ख़त्म हो गए।बता दें कि अडानी समूह पिछले कई दिनों से लगातरा गोता खाता दिख रहा है। उसके शेयर के भाव लगातार नीचे गिरते जा रहे हैं और अडानी समूह संपत्ति में भी लगातार गिरावट होती जा रही है। कहा जा रहा है कि पिछले दस दिनों में ही अडानी समूह की दस लाख करोड़ से ज्यादा की संपत्ति खत्म हो गए हैं। बड़ी संख्या में शेयर धारको के पैसे फंस गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने 24 जनवरी को अमरीकी जांच कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट अडानी समूह की धोखधड़ी को लेकर जारी की थी। इसके बाद दुनिया भर के देशो में इसका असर देखने को मिला है। दुनिया के कई देशों बैंको ने अडानी समूह से नाता तोड़ लिया है और कई बैंको ने उसके शेयर को निरस्त भी कर दिया है। भारत में इस मसले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में लगातार बहस हो रही है। कई दिनों तक संसद भी बाधित रहा लेकिन इस मसले पर अभी तक सरकार ने कुछ भी नहीं कहा है।