आखिर रामलला की आंखों को पट्टी से क्यों बांधा गया है, जानिए
Why is Lord Ram blindfolded: रामलला की 200 किलो वजनी मूर्ति का जलाभिषेक किया गया और प्रभु श्री राम की मूर्ति को रखा गया। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले रामलला को आईना दिखाया जाएगा और प्रभु श्रीराम सबसे पहले अपना मुखड़ा देखेंगे। कहा जाता है कि भगवद विग्रह में इतना तेज होता है कि कोई दूसरा इसे बर्दाश्त ही नहीं कर सकता। जिस वक्त मूर्ति की पट्टी हटाई जाएगी। उस वक्त गर्भ गृह में प्रधानमंत्री समेत 5 लोग मौजूद रहेंगे। 22 जनवरी को दलपूजा के लिए आचार्यों की 3 टीम बनाई गई है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में अभिजीत मुहूर्त में रामलला की इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
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इस मूर्ति को प्रख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज ने 6 महीने अयोध्या में रहकर तैयार किया है। गर्भगृह में स्थापित करने के लिए 3 मूर्तियां बनाई गई थीं। 3 मूर्तियों में से योगीराज द्वारा बनाई मूर्ति का चयन किया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के 15 में से 11 ट्रस्टियों ने इस मूर्ति की भूरि भूरि प्रशंसा की है। मूर्ति के गर्भगृह में रखे जाने के बाद आज यहां पर सुबह और शाम दोनों बेला में विशेष अनुष्ठान होगा। सुबह के समय औषधाधिवास, केसराधिवास, और घृताधिवास विधि से पूजा पूर्ण होगी। जबकि संध्याकाल में धान्याधिवास विधि से अर्चना होगी।
शास्त्रों के नियम के मुताबिक मूर्ति स्थापना के यजमान को कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है। जिसे यम नियम कहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी 11 दिनों तक यम नियम का पालन करने का संकल्प लिया है। सूत्रों के मुताबिक अनुष्ठान पीएम मोदी जमीन पर कंबल बिछाकर सोते हैं और नारियल पानी का सेवन कर रहे हैं। वहीं राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा चल रही है ताकि भविष्य में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो। यही नहीं, उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद नयी विधि से पूजा-अर्चना होगी।
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प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर में अस्थाई गुंबद बनाए गए हैं और गुंबद को भगवा कपड़ों से ढका जा रहा है। गर्भगृह का मुख्य द्वार हो या फिर मंदिर में प्रवेश करने की सीढ़ियां, सबकुछ बनकर तैयार है।सामने आये वीडियो में मंदिर की खूबसूरती तो दिख ही रही है। ये भी साफ झलक रहा है कि वहां काम कर रहे मजदूर जल्द से जल्द काम ख़त्म करने में जुटे हैं। राम मंदिर का गर्भगृह कुछ ऐसे बनाया गया है कि श्रद्धालु 25 फीट दूर से ही भगवान राम की छवि देख सकेंगे। वहां की दीवारों पर देवी-देवताओं की आकृतियां बनाई गई हैं। तीन मंजिला राम मंदिर को पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है।