नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दाखिल सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से अस्पताल में हुई मुलाकात उम्मीद से ज्यादा सफल रही। वे काफी समय से उनसे नाराज चल रहे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को मनाने में कामयाब रहे। अखिलेश ने आजम खान के स्वास्थ्य का हालचाल पूछने के बहाने अपना राजनीतिक स्वार्थ भी साध लिया।
सूत्रों का कहना है कि रामपुर लोकसभा सीट से आजम खान के सांसद पद से इस्तीफा देने से हुई खाली सीट पर हो रहे उपचुनाव में अखिलेश यादव ने आजम खान के समक्ष उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को सपा प्रत्याशी बनाये जाने का अनुरोध किया था। इस पर आजम खान ने अपनी मौन सहमति दे दी। यह माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के उपचुनाव में रामपुर लोकसभा सीट से उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को ही सपा प्रत्याशी बनाये जाने का प्रस्ताव से आजम खान की नाराजगी काफी हद तक दूर हो गयी है और जो भी थोड़ी बहुत रह भी गयी है, वह भी आने वाले दिनों में दूर हो जाएगी।
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अखिलेश के इस दांव से दो निशाने साधे हैं। पहला यह कि राजनीतिक गलियारों में आजम खान और उनके चाचा शिवपाल यादव के मिलकर नया राजनीतिक मोर्चा बनाये जाने की चर्चा को विराम लग जाएगा और दूसरा यह कि आजम खान के सपा में ही रहेंगे, तो सपा से मुस्लिम मतदाताओं से दूर जाने का खतरा भी नहीं रहेगा। अब देखना यह है कि आने वाले समय में अखिलेश और आजम के राजनीतिक संबंधों को किस हद तक मजबूती मिल पाती है।