Bihar Caste Survey Data Released : बिहार में जातीय आंकड़ा जारी होने के बाद जहां एक तरफ देश का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है वही इस जातीय आंकड़े पर चर्चा के लिए सरकार आज सर्वदलीय बैठक कर रही है । बैठक अभी से थोड़ी देर बाद शुरू हो जायेगी। लेकिन इसी बीच इस जातीय गणना के आंकड़े के रिलीज करने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार भी कर लिया है और कहा है कि इस पर 6 तारीख को दलील सुनेंगे और सुनवाई भी करेंगे ।
Read: Bihar News बिहार न्यूज़ – NewsWatchIndai ! Caste Census Bihar Report 2023
अदालत में यह याचिका इस बात को लेकर दी गई है कि नीतीश सरकार ने कहा था कि जातीय आंकड़े को रिलीज नहीं किया जाएगा। लेकिन सरकार ने ऐसा करके सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है। याचिकाकर्ता वकील का कहना है कि यह सब सरकार ने गलत इरादे से किया है ताकि समाज में विद्वेष पैदा हो।
उधर बिहार सरकार में आज शाम साढ़े तीन बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में 9 दलों के उन नेताओं को बुलाया गया है जाे जातीय गणना की मांग करते रहे हैं । कहा जा रहा है कि इस बैठक में आंकड़ों पर चर्चा होगी और सभी दलों को इसकी जानकारी भी दी जाएगी।
सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार की आबादी 13 करोड़ सात लाख बताई गई है जिसमें दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं । इस आंकड़े में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी, ओबीसी की आबादी 27 फीसदी है। यानी दोनों को मिला दिया जाए तो यह आबादी करीब 63 फीसदी के पास है । यादव की आबादी 14 .26 फीसदी, ब्राह्मण की आबादी 3.65 फीसदी, राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी है जबकि सबसे कम आबादी कायस्थों की है । इनकी आबादी o.60 फीसदी है ।
जानकारी के मुताबिक आज की सर्वदलीय बैठक में आंकड़ों का प्रेजेंटेशन रखा जाएगा । फिर सबसे बातचीत करके आगे की राजनीति तय की जायेगी और विकास योजना भी बनेगी। जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक एक एक परिवार की स्थिति का भी आंकलन होगा। उसकी आर्थिक रिपोर्ट भी जारी की जाएगी । चुंकि अनुसूचित जाति की संख्या में काफी इजाफा हुआ है इसलिए इनको लेकर भी योजना बनेगी ताकि सबको आगे लाभ मिल सके ।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि ये गणना वैज्ञानिक आधार पर लिए गए हैं सिर धीरे-धीरे इनको जारी भी किया जाएगा। इसके बाद विकास को लेकर बैठके होंगी ताकि समाज के हर लोगों का समुचित विकास हो सके ।
बिहार की अभी जाे स्थिति है उसमें 27 फीसदी ओबीसी है लेकिन सरकार में 55 फीसदी मंत्री हैं । सर्वर्णों की आबादी 15 फीसदी है जबकि उनके 26 विधायक है और 33 सांसद हैं । कुर्मी की आबादी 2.87 फीसदी है लेकिन इस समाज से सीएम आते हैं ।
जहां तक मौजूदा समय में आरक्षण की बात है तो अभी अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 18 फीसदी आरक्षण दिया जाता है जबकि इसकी आबादी 36 फीसदी है । ओबीसी की आबादी 27 फीसदी है और इनको आरक्षण 12 फीसदी मिलता है । यानी ओबीसी की दोनों कैटेगरी को मिलाकर 30 फीसदी आरक्षण का लाभ अभी मिल रहा है जबकि इनकी आबादी 63 फीसदी के करीब है ।
इसी तरह से अनुसूचित जाति को लेकर भी सवाल उठने वाले है। उनकी आबादी 19 फीसदी है जबकि आरक्षण का लाभ 15 फीसदी ही मिलता है। मुसलमानों के भीतर भी पसमांदा समाज की अपनी मांग है। सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इन्हीं की है।