नई दिल्ली। कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन जारी रहेगा। इस मामले में बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) की दो सदस्यीय पीठ कोई ठोस फैसला नहीं सुना सकी।
इस मामले में दोनों न्यायाधीशों की राय अलग-अलग होने पर इस प्रकरण को बड़ी बेंच को भेजा है। SC के CJI (मुख्य न्यायाधीश) के नेतृत्व में तीन सदस्य पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन लगाया दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 22 याचिकाएं दायर की गयी थीं। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता व सुधांशु धूलिया की दो सदस्यीय पीठ में सुनवाई हुई थी।
इस मामले में 10 दिन तक लगातार सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों के 21 वकीलों ने हिजाब के पक्ष व विपक्ष में अपने-अपने तर्क दिये थे। 22 सितंबर को सुनवाई पूरी होने पर फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को निर्णय देने की तिथि निर्धारित की थी।
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13 अक्टूबर को (बृहस्पतिवार) को इस मामले में दो सदस्यीय पीठ के जजों की राय अलग-अलग थी। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब पर बैन के फैसले को सही बताते हुए याचिका खारिज कर दी। वहीं जस्टिस सुंधांशु धूलिया ने जस्टिस हेमंत गुप्ता से अलग फैसला दिया।
धूलिया ने अपने निर्णय में हिजाब को सामाजिक कारण बताते हुए इसे महिला की निजी पसंद का मामला बताया। उन्होने इस संबंध में अंतिम फैसले के लिए मामले को उच्च पीठ को भेज दिया।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि वे हिजाब के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन स्कूल में बच्चियों को निर्धारित ड्रैस में ही आना चाहिए। इस मामले में किसी भी अनावश्यक तूल नहीं देना चाहिए। यह मामला धार्मिक नहीं, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में लागू किये जाने वाली ड्रैस कोड से जुड़ा है।