Karnatak Controcersy News Update’s Today: कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरू में हनुमान चालीसा और अजान को लेकर छिड़ा विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। यहां हिंदू संगठनों ने हनुमान चालीसा बजाने वाले दुकानदार की पिटाई के बाद विरोध प्रदर्शन किया है। हिंदू सगंठनों के साथ साथ विरोध प्रदर्शन में आज चुनावी समर में तेजस्वी सूर्या भी शामिल हुए । पीड़ित दुकानदार भी खुद को मिल रहे जन समर्थन से बेहद उत्साहित है। वैसे इस मामले में कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तो कुछ को पुलिस तलाश रही है। जबकि यहीं से अब बजरंगबली का नाम लेकर 400 पार के नारे को बुलंद करते हुए NDA के नेता विपक्ष को अल्पसंख्यकों की रक्षा करने वाली कर्नाटक (Karnataka) की सरकार बता सियासी वार कर रहे हैं।
हिंदू संगठन का कहना है कि ये केवल अल्पसंख्यकों की रक्षा करनेवाली सरकरा है.. हम लड़ते रहेंगे, छोड़ेंगे नहीं…ऐसी कांग्रेस सरकार है कर्नाटक में हिन्दु के खिलाफ, हम लड़ते रहेंगे। तो वहीं बीजेपी नेता टी राजा सिंह ने कहा कि रोड पर नमाज पढ सकते है लेकिन अपनी दुकान के अंदर हनुमान चालीसा नही सुन सकते!यही है भारत का सेक्युलरिज्म!!जाहिर है चुनावी सरगर्मियों में मामला काफी गरमा चुका है। यानी कर्नाटक में बीजेपी को अपनी जीत सूनिश्चित करने के लिए बैठे बिठाए नई संजीवनी मिलती दिख रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 लोकसभी सीटों में BJP को 25 सीट मिली थी। यानी ये आकंड़े कर्नाटक में बीजेपी को बंपर जीत ही नहीं शत प्रतिशत जीत की गारंटी भी दे सकते हैं। दूसरी ओर, बेंगलुरु की घटना पर अब INDIA गठबंधन के सहयोगी उद्धव ठाकरे पर भी बीजेपी हमलावर हो गई है।
बीजेपी नेता राम कदम का कहना है कि हम श्रीमान उद्धव ठाकरे से यह पूछना चाहते हैं, कल उन्होंने राहुल गांधी के साथ सभा को संबोधित किया यह वही राहुल गांधी हैं; जिनकी कर्नाटक में सरकार है। उनकी सरकार में हिंदुओं को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए पीटा जा रहा है, क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस और राहुल गांधी से यह सवाल पूछेंगे।
कर्नाटक से लेकर महाराष्ट्र तक हनुमान चालीसा पर सियासी जंग और तेज़ होती दिख रही है।इससे पहले हाल ही में बीजेपी ने इंडिया गठबंधन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया था।आपको याद दिला दें कि विपक्ष राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी दर्शन करने नहीं पहुंचे थे। जिससे विपक्ष की स्थिति 2024 के इस चुनाव में कमजोर पड़ सकती है
क्या हर मुद्दे पर सियासत होना जरूरी है?
आज हर किसी के जहन में यही सवाल है कि क्या हर मुद्दे पर सवाल होना जरूरी है…ऐसा इसलिए क्योंकि जब पूरे देश को एक साथ होना चाहिए था… तब एक गैंग के लोगों ने चुप्पी साध ली। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस मामले को जोरों से उठाया। बीजेपी नेता टी राजा सिंह कहते हैं कि रोड पर नमाज पढ सकते है लेकिन अपनी दुकान के अंदर हनुमान चालीसा नही सुन सकते!यही है भारत का सेक्युलरिज्म!!जाहिर है चुनावी सरगर्मियों में मामला काफी गरमा चुका है। यानी कर्नाटक में बीजेपी को अपनी जीत सूनिश्चित करने के लिए बैठे बिठाए नई संजीवनी मिलती दिख रही है