Ghaziabad UP Latest News: जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की बड़ी कार्रवाई, राजेंद्र नगर इलाके का किया निरीक्षण
Ghaziabad UP Latest News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने किया राजेंद्र नगर का निरीक्षण। वहां कुछ भवनों का कराया जा रहा था अवैध निर्माण। भवनों का नक्शा पास होने के बावजूद भी नशे के विपरीत हो रहा था निर्माण। अवैध निर्माण में शामिल थे कुछ आला कर्मचारी और अधिकारी। रेजिडेंशियल नक्शे (residential) पर कमर्शियल निर्माण का किया जा रहा था काम। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मौके पर ही निर्माण को सील कर दिया और मौके पर मौजूद तीन सुपरवाइजर (supervisor) को सस्पेंड कर दिया है।
आपको बता दें कि राजेंद्र नगर (rajendra Nagar) इलाके के सेक्टर 2 , 3 और 5 से लगातार अवैध निर्माण की शिकायतें मिल रही थी। जिस पर कडी कारवाई करते हुए जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मौके पर ही निर्माण को सील कर दिया और मौके पर मौजूद तीन सुपरवाइजर (supervisor) को सस्पेंड कर दिया है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा, साहिबाबाद, मकनपुर और राजनगर एक्सटेंशन को लेकर इन सभी जगाहों पर अवैध निर्माण को लेकर सवाल उठाए जा रहे है। इन सभी जगह पर अवैध निर्माण का कार्य चल रहा है आखिरकार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण किस अधिकारी किसी कर्मचारी की मिली भगत से इतना बड़ा खेल रचा जा रहा है यह बड़ा सवाल है की अवैध निर्माण होने के बावजूद भी अधिकारी मौन क्यों हो जाते हैं अपनी जिम्मेदारी को क्यों नहीं निभा पाते हैं।
जब इन सभी चीजों का संज्ञान उच्च अधिकारी गण लेते हैं तो कुछ मिली भगत करने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड (suspend) कर दिया जाता है लोगों का कहना है कि कार्रवाई की प्रक्रिया समय-समय पर होती रहनी चाहिए जिससे जागरूकता फैल और भ्रष्टाचार को पूर्ण तरीके से खत्म किया जा सके लोगों ने यह भी बताया कि ऐसा कोई हेल्पलाइन नंबर (helpline number) हो जिससे भ्रष्टाचार की शिकायत अवैध निर्माण की शिकायत की जा सके ऐसी कोई हेल्पलाइन नंबर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को सेवा मोहिया करवाना चाहिए।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पर सवाल उठते हैं कि आखिरकार अपने-अपने क्षेत्र के अंदर कितने अवैध निर्माण कार्य हुए नशे के विपरीत निर्माण कार्य चल रहे हैं क्या इसका संज्ञान अधिकारियों के संज्ञान में नहीं रह पाता है और निचले कर्मचारियों की वजह से या उनके मिली भगत के कारण यह अवैध काम बड़े आसानी से कर लिए जाते हैं इसका पता जब उच्च अधिकारी गण को लगता है तभी इसका संज्ञान क्यों लिया जाता है क्या उच्च अधिकारी गणों को समय-समय पर एक ऐसा अभियान चलाना चाहिए जिससे कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर अधिकारियों पर लगाम लगाई जा सके।