Bihar Latest Election News: लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो रही है। इंडिया गठबंधन भारतीय जनता पार्टी को हराने का सपना देख रहा है। लेकिन ये सपना सिर्फ सपना ही बनता हुआ नजर आ रहा है…क्योंकि लड़ाई भारतीय जनता पार्टी को हराने की है, लेकिन ये संग्राम आपस में ही छिड़ा हुआ है, जिसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में जरूर देखने को मिलेगा।
बिहार की अगर बात की जाए तो यहां पर लालू यादव और कांग्रेस में खटपट देखने को मिल रही है। राहुल गांधी और लालू यादव के रिश्तों में दरार देखने को मिल रही है। इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी भी घमासान मचा हुआ है। पप्पू यादव भी पूर्णियां सीट को छोड़ने को तैयार नहीं है…अब ये लड़ाई खुलकर सामने आने लगी है। क्योंकि बिहार में अभी 3 से 4 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है।
पूर्णिया सीट की अगर बात की जाए तो यहा पर मुस्लिम और यादवों की आबादी सबसे ज्यादा है…शायद यही वजह है कि हर कोई यादव और मुस्लिम पर ही नजरें बैठाए हुआ है…. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार की जो 9 सीटें मिली थी उसमें पूर्णिया भी थी.. लेकिन इस बार शायद तेजस्वी यादव ये सीट अपने पास रखना चाहते हैं.. वहीं कांग्रेस पूर्णिया सीट से 3 बार और मधेपुरा जोड़कर 5 बार सांसद रह चुके राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को लड़ाना चाहती है.. पूर्णिया में 60 फीसदी वोटर हिंदू हैं जबकि 40 फीसदी मुस्लिम, वोटर्स की संख्या की बात करें तो करीब 5 लाख वोटर्स- SC-ST और OBC से हैं।जिन्होंने हाल ही में अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया है और वो किसी भी हालत में पूर्णिया सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। दोनों दलों के लिए पूर्णिया इसलिए भी अहम हैं क्योंकि पूर्णिया को बिहार के सीमांचल की राजधानी भी कहा जाता है.. यहां किसी की जीत-हार में MY यानी मुस्लिम-यादव समीकरण को साधने की बड़ी चुनौती होती है.. पूर्णिया में सबसे ज़्यादा आबादी मुस्लिम और यादव की है.. जिस पर RJD की पकड़ मजबूत मानी जाती है..
पूर्णिया में 60 फीसदी वोटर हिंदू हैं जबकि 40 फीसदी मुस्लिम, वोटर्स की संख्या की बात करें तो करीब 5 लाख वोटर्स- SC-ST और OBC से हैं। करीब डेढ़ लाख यादव हैं तो सवा लाख ब्राह्मण और सवा लाख ही राजपूत हैं। इनके अलावा 7 लाख वोटर्स मुस्लिम है। इन्हीं यादव और मुस्लिम वोटर्स के लिए RJD और कांग्रेस अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं।
एक तरफ NDA के नेता हैं जो चुनाव की तारीखें नज़दीक आने के साथ अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं.. वहीं NDA के खिलाफ खड़े I.N.D.I.A गठबंधन में आपसी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बहरहाल, देखना ये दिलचस्प होगा कि बीजेपी से लड़ाई में कौन जीत पाएगा। क्या ये लड़ाई सिर्फ अभी थम जाएगी, या फिर नहीं।
दरअसल आपको बता दें कि ये पहली दफा नहीं हुआ है जब इंडिया गठबंधन में दरार की ख़बरें सामने आ चुकी हों…इससे पहले भी कई दफा आपसी मनमुटाव देखा जा चुका है।