Amit Shah Bihar Rally सियासत का मिजाज ही कुछ ऐसा है कि जब कोई साथ रहता है तो उसके कसीदे गढ़े जाते हैं और जब कोई साथ छोड़ता है तो उसे अपमानित करने से भी कोई बाज नहीं आता। बिहार में आज मान और अपमान का बड़ा नजारा देखने को मिलेगा। पूर्णिया में नीतीश कुमार और तेजस्वी की विशाल रैली है तो पश्चिम चम्पारण के वाल्मीकि नगर में अमित शाह की रैली। कभी दोनों साथ ही रैली और सभा करते थे लेकिन अब बिहार में सब कुछ बदल गया है। नीतीश कुमार बीजेपी से जुदा होकर राजद के साथ सरकार चला रहे हैं और तंज यह भी है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पानी पीला कर ही रहेंगे।
बाल्मीकि नगर में अमित शाह की बड़ी रैली में काफी लोग जुट रहे हैं। यह इलाका बीजेपी का गढ़ रहा है। अमित शाह की यह रैली आगामी लोकसभा चुनाव की मुनादी के तौर पर देखा जा रहा है। यह बात और है कि जदयू का साथ छूटने के बाद बिहार में बीजेपी की तासीर अब पहले जैसी नहीं रही। नीतीश जब बीजेपी के साथ थे तो पिछड़ो और अति पिछड़ो के वोट भी बीजेपी को मिल रहे थे लेकिन अब ऐसा ही संभव होगा यह नहीं कहा जा सकता। लेकिन यह तो सच है कि पिछले कुछ सालों में बीजेपी का आधार वोट बिहार में बढ़ा है और वह भी बिहार में पावर है। इसे इंकार भी नहीं किया जा सकता। आज अमित शाह (amit shah) रैली के जरिए कई संदेश दे सकते हैं। नीतीश कुमार पर हमला कर सकते हैं। जदयू की हालत पर बोल सकते हैं और उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कहानी गढ़ सकते हैं। बिहार की मौजूदा सरकार पर भी हमलावर हो सकते हैं और इसके साथ ही बहुत कुछ कह सकते हैं। सबकी निगाहें अमित शाह पर टिकी है। बड़ी संख्या में उत्तर बिहार के लोग बाल्मीकि नगर पहुँच रहे हैं। मोतिहारी ,बेतिया , सीतामढ़ी से लेकर मुजफ्फरपुर तक की जनता अमित शाह की सभा में शामिल होगी।(Bihar Rally)
उधर पूर्णिया का रंगभूमि मैदान भी सज गया है। जदयू की आज इस मैदान में विशाल रैली है। इसकी तैयारी कई महीने से चल रही थी। लेकिन इस रैली में नीतीश के साथ तेजस्वी भी पहुँच रहे हैं। बाकी महागठबंधन के महारथी भी पहुँच रहे है। कांग्रेस से लेकर वाम दलों के नेता भी मंच पर पहुंचेंगे। लेकिन सबकी निगाहें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर है। नीतीश कुमार केवल इस रैली के जरिए सीमांचल के लोगो को ही नहीं साधेंगे वह बीजेपी पर भी निशाना लगाएंगे। अगले चुनाव में बीजेपी को ख़त्म करने का आह्वान भी करेंगे। वे पीएम मोदी से लेकर शाह पर भी हमला करेंगे। (Amit shah BJP Meeting)
सीमांचल में लोकसभा की पांच सीटें है। पिछले चुनाव में चार सीटें बीजेपी जदयू को मिली थी। एक सीट कांग्रेस को गई थी। इन चार सीटों में दो सीट जदयू को मिली थी और दो बीजेपी को। अभी महागठबंधन के पास तीन सीटें हैं। लेकिन नीतीश की नजर पांचो सीटों पर टिकी हैं। नीतीश आज क्या कुछ कहते है इसे देखने की जरूरत है।