CAA Online Portal: सीएए पोर्टल हुआ लॉन्च, कैसे मिलेगी भारत में नागरिकता..
Let us know what is the complete method of applying?
CAA Online Portal: CAA लागू हो चुका है, जिसके बाद एक अलग वेब पोर्टल के जरिए नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है , तो आइए जानते है कया है एप्लाई करने का पूरा तरीका ?
केंद्र सरकार ने 11 मार्च यानि सोमवार नागरिक संशोधन कानून यानी सीएए लागू कर दिया है। लोकसभा चुनाव से केंद्र सरकार नागरिकता अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी हैं इस कानून को लागू होने से 3 पड़ोसी देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शराणार्थी ( सिख , हिन्दु, पारसी जैन , बौद्ध ) अब भारत की नागरिकता पा सकते हैं CAA कानून। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने CAA के लिए एक अलग वेब पोर्टल बनाया है। ऐसी खबरें मिल रही हैं जहां CAA के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
सीएए पोर्टल हुआ लॉन्च
CAA पोर्टल लॉन्च हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, CAA पोर्टल पर काफी समय से काम चल रहा था। ऐसे में सरकार से मंजूरी मिलते ही CAA पोर्टल को लाइव कर दिया गया।
क्या करना होगा?
कोई भी व्यक्ति CAA पोर्टल पर भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके लिए आपको पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद दस्तावेज जमा करने होगे। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी जांच पड़ताल होगी। अगर आपके सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो आपको भारत की नागरिकत दे दी जाएगी।
क्या है सीएए कानून
सीएए कानून साल 2019 में बनाया गया था। इसके तहत पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता बिना कोई दस्तावेज दी जाएगी। इसके तहत 6 अल्पसंख्यक यानी हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई कर पाएंगे। इसके लिए वही अल्पसंख्या अप्लाई कर पाएंगे, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
अपना Vote bank बढ़ाने के फेर में है BJP
केजरीवाल खुद जवाब देते हुए आगे लिखते हैं कि ‘अपना वोट Bank बनाने के लिए। जब हमारे युवाओं के पास रोजगार नहीं है तो पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को रोजगार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनायेगा? क्या BJP उन्हें रोजगार देगी? क्या BJP उनके लिए घर बनाएगी? पिछले 10 सालों में 11 लाख से ज्यादा कारोबारी और उद्योगपति उनकी नीतियों और अत्याचारों से परेशान होकर देश छोड़कर चले गये। वे गरीबों को वापस लाने के बजाय पड़ोसी देशों से लाकर भारत में बसाना चाहते हैं।’ क्यों ? सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने के लिए? पूरा देश CAA का विरोध करता है।
पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो। फिर दूसरे देशों से लोगों को अपने देश में लाना। हर देश दूसरे देशों के गरीबों को अपने देश में आने रोक लगाता है, BJP शायद दुनिया की एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो पड़ोसी देशों के गरीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ऐसी गंदी राजनीति कर रही है। ये देश के खिलाफ है। इसका खासकर असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत के लोग, जो बांग्लादेश (bangladesh) से पलायन का शिकार हुए हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज खतरे में है, कड़ा विरोध कर रहे हैं। BJP ने असम और पूरे उत्तर-पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है।
नीतीश के सामने तो ‘धर्मसंकट’
NDA का हिस्सा रहते भी नीतीश कुमार CAA और NRC के खिलाफ बोलते रहे हैं। वे यह भी कहते रहे हैं कि बिहार में CAA को हम लागू नहीं होने देंगे। CAA पर देश भर में बहस होनी चाहिए। फिलहाल वे BJP के नैतिकता बोध से इस कदर दबे हुए हैं कि शायद ही कंठ फूटे। हालांकि कसमसाएंगे जरूर। अब अनुमान लगा लीजिए कि देश की तकरीबन 80 % हिंदू आबादी का अब इन विपक्षी दलों के प्रति रुख क्या होगा। कई मुद्दों पर मोदी से असहमति रखने वाले भी क्या इस मुद्दे पर अपना विचार बदलने को बाध्य नहीं होंगे !