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भारत के हाथों कनाडा की कमजोर नब्ज, एक फैसले में कनाडा की सांस जाएगी अटक

India VS Canada: भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों (India Canada Relation) के बीच यदि भारत ने एक फैसला लिया तो कनाडा की अर्थव्यवस्था बुरी तरह हिल जाएगी। कनाडा की अर्थव्यवस्था में इनका अहम रोल है। आइए जानते हैं कि कैसे भारत के ये लोग कनाडा के लिए महत्वपूर्ण है और कैसे इनके बाहर आने से कनाडा हिल जाएगा।

इस वक्त भारत और कनाडा के बीच तनातनी इस मोड़ पर आ चुकी है कि अब दोनों देशों के बीच दुश्मनी का आभास होने लगा है। दोनों देशों के बीच संबंध (India Canada Relation) बुरी तरह बिगड़ने लगे है। डिप्लोमेटिक लेवल पर संबंध बिगड़ने का प्रभाव अब व्यापार से लेकर मार्केट में नजर आने लगा है। भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में आई खटास का असर अब दोनों की अर्थव्यवस्था पर भी नजर आ सकता है। भारतीय कंपनियां जहां कनाडा से दूरी बना रही है तो वहीं कनाडा की कंपनियों का भारत में बड़ा निवेश है। वैसे तो कनाडा की इकॉनमी अमेरिका के सहारे चलती है, मगर भारत से बिगड़ते संबंध का असर उनकी अर्थव्यवस्था पर होगा।
अमेरिका के भरोसे कनाडा की गाड़ी
आपको बता दें कनाडा की 2.2 ट्रिलियन डॉलर की GDP वाली अर्थव्यवस्था अमेरिका के भरोसे टिकी हुई है। कनाडा के निर्यात को देथा जाए तो इस बात का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। कनाडा अपने यहां तैयार ज्यादातर प्रोडक्टर्स (Products) की खपत के लिए अमेरिका पर आश्रित है। साल 2021 में कनाडा ने सबसे ज्यादा 75.6 % निर्यात अमेरिका को किया है। अमेरिका और कनाडा दुनिया में सबसे अधिक व्यापारिक संबंध शेयर करते हैं। साल 2022 में कनाडा और अमेरिका के बीच 1.2 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। ये कनाडा के महज ग्लोबल ट्रेड का 2 तिहाई भाग है। गुड्स एंड सर्विस (Goods and service) में कनाडा अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर (treading partner) है। दोनों के व्यापारिक संबंध काफी पुराने हैं और कनाडा के 80 % सामान अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं।

भारतीय छात्र कनाडा की इकॉनमी का अहम हिस्सा
भारत और कनाडा (India Canada Relation) के बीच बिगड़ते रिस्ते पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कनाडा की अर्थव्यवस्था में अहम रोल निभाने वाले छात्र समुदाय में भारतीय छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है। कनाडा की अर्थव्यवस्था में ये छात्र अहम रोल निभाते हैं। यदि भारत ने एक सख्त फैसला लिया तो कनाडा की सांसें ठहर जाएंगी। दरअसल कनाडा की अर्थव्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का बड़ा और अहर रोल है। ये छात्र वहां अच्छी खासी फीस भरकर पढ़ाई करते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता करते है। कनाडाई छात्रों के की तुलना मे बाहरी छात्रों से 4 से 5 गुना ज्यादा फीस वसूली जाती है।
भारत के एक फैसले से बूरी तरह बिखर जाएगा कनाडा
यदि भारत कनाडा जाने वाले अपने छात्रों पर प्रतिबंध लगाता है तो कनाडा को बड़ा झटका लगेगा। अंतरर्राष्ट्रीय छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में 30 बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं। भारतीय छात्रों से वहां 4 से 5 गुना ज्यादा फीस वसूली जाती है। केवल मोटी फीस ही नहीं वहां रहने के लिए रूम किराए से लेकर मॉर्गेज के तौर पर भारतीय छात्र बड़ा योगदान देते हैं। कनाडा में लगभग 8 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्र पढ़ते हैं, जिसमें 40% भारतीय छात्र हैं। केवल भारतीय छात्रों का कनाडा की अर्थव्यवस्था में योगदान 4.9 अरब डॉलर का है। कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी ( private university) भारतीय छात्रों के दम पर चलती हैं। यदि भारत ने बैन लगाया तो कनाडा के प्राइवेट कॉलेज का पूरा इको-सिस्टम तहस नहस हो जाएगा। ‘The globle and male) ने अपने एक आर्टिकल में इस बात की आशंका जताई कि भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़े तो कनाडा आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या मे कमी आ सकती है।

प्रतिबंध लगे तो क्या होगा हाल
कनाडा के ऑडिटर जनरल बोनी लिसिक ने पहले भी इसे लेकर आशंका जाहिर की थी। वो पहले भी पैसों के मामले में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर निर्भरता के खतरे के बारे में बता चुके हैं। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि अगर कुछ देशों के छात्र कनाडा आने में असमर्थ होते है या फिर उन्हें रोका जाता है तो कनाडा के राजस्व में अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। ऐसे में यदि भारत अपने छात्रों को कनाडा जाने से रोकता है , जिनकी साझेदारी 40 % तक की है, तो खुद सोचिए कि कनाडा की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पडेगा।
कनाडा में जाएंगी हजारों नौकरी
CII की रिपोर्ट का मानें तो इंफोसिस, विप्रो ( wipro) के साथ साथ बड़ी भारतीय कंपनियों ने कनाडा में निवेश किया है। भारतीय कंपनियों का कनाडा में महज 40500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है। इन कंपनियों के कारण से वहां हजारों लोगों को नौकरियां मिली हुई हैं। यदि दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ते हैं और कंपनियां अपना व्यापार समेटती है तो कनाडा में बड़ी संख्या में नौकरियां जाएंगी।

Prachi Chaudhary

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