नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली की विशेष अदालत (राउज कोर्ट) से आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले में नामजद आरोपी तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की अर्जी दी है। सीबीआई की अर्जी पर कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर दिया है। अदालत ने तेजस्वी से 28 सितम्बर तक नोटिस का जबाव दाखिल करने का आदेश दिया है।
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सीबीआई ने आरोप है कि पिछले दिनों पटना में तेजस्वी यादव ने बतौर उपमुख्यमंत्री एक प्रेस वार्ता में सीबीआई के अधिकारियों की धमकी दी थी। तेजस्वी ने कहा था कि सीबीआई ने उनके खिलाफ तब मामला दर्ज किया था, तब उनके मूंछ नहीं आयी थी। उस मामले में सीबीआई ने क्या कर लिया।
सीबीआई के अधिकारियों को दी थी धमकी
उन्होने कहा था कि सीबीआई के अधिकारी हमेशा सीबीआई में नहीं रहेंगे। लेकिन उनकी पार्टी हमेशा सत्ता में रहेगी। सीबीआई के इन अधिकारियों को रिटायर्ड होने पर देख लेंगे। कोर्ट में तेजस्वी के इस बयान को सीबीआई ने सीधे तौर पर धमकी देना बताया है। यह उन्हें मिली जमानत शर्तो का उल्लंघन है। इस अर्जी पर राउज कोर्ट ने तेजस्वी को नोटिस जारी कर 28 सितम्बर तक जबाव दाखिल करने को कहा है।
लालू ने दिये थे निजी कंपनी को अवैध ठेके
बता दें कि वर्ष 20004 से 2009 तक केन्द्र सरकार में रेलमंत्री रहने के दौरान राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भारतीय रेल पर्यटन एवं खानपान निगम (आईआरसीटीसी) के टेंडर गडबडी की थी। लालू प्रसाद ने अवैध रुप से एक निजी कंपनी दो भुवनेश्वर और रांची में दो होटल चलाने का ठेका दिया था। इसके बदले में इस कंपनी ने पटना में सगुना रोड पर तीन एकड़ जमीन दी थी।
टेंडर घोटाले में लालू व राबड़ी भी नामजद आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 12बी, भ्रष्टाचार निरोधक व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी थी। इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। दो साल पहले कोर्ट ने तेजस्वी यादव को इस केस में सशर्त जमानत दे दी थी।