Manipur News: लम्बे समय से शांत चल रहा मणिपुर अचानक अशांत हो गया है। पिछले डेढ़ महीने से वहां हिंसक झड़पें चल रही है। सेना और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हो रही है। दोनों की जाने जा रही है। अब तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग मणिपुर से भागकर पडोसी राज्यों में शरण लिए हुए हैं। कहा जा रहा है कि करीब 35 हजार से ज्यादा लोग शरणार्थी बनने को मजबूर हुए हैं।
इस बीच मणिपुर से एक बड़ी खबर आ रही है
मणिपुर के कुकी आदिवासियों ने केंद्र सरकार से अपने लिए अलग प्रश्न की मांग की है। यह अलग प्रश्न की मांग अलग राज्य की मांग है। जानकारी के मुताबिक कुकी आदिवासियों के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र के जरिए अपनी बात कही है। इस पत्र के बाद केंद्र सरकार की चिंता काफी बढ़ गई है। अभी हाल में जब अमित शाह मणिपुर की यात्रा पर गए थे तब भी कुकी समुदाय ने इस मांग को उठाया था लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया था। अब फिर से कुकी समुदाय की यह मांग केंद्र सरकार को मुश्किल में डाल सकता है।
अपने पात्र में कुकी समुदाय के लोगों ने कहा है कि मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा है यह सब मेइती समुदाय के द्वारा हो रहा है। यह समुदाय बहुसंख्यक समुदाय है और इस समुदाय के साथ स्थानीय सरकार भी मिली हुई है।
एक साजिस के तहत कुकी समुदाय पर हमला किया जा रहा है ऐसे में हमें अलग प्रशासन की जरूरत है।
कुकी इम्पी मणिपुर यानि केआईएम के महासचिव खैखोराध गंगटे ने अपने पत्र में कहा है अभी हाल में ही मीडिया को दिए इंटरव्यू में मैतेई लिपुन प्रमुख प्रमोत सिंह ने खुलास किया है कि उन्हें और उनके संगठन को कुकी लोगों के संहार की योजना के बारे में पता था। गंगटे ने आगे कहा कि इस साम्प्रदायिक सरकार के तहत कुकी लोगों के खिलाफ नफरत फ़ैलाने का अभियान जातीय हिंसा में कैसे बदल गया ,यह भी मैतेई लिपुन के प्रमुख प्रमोत सिंह द्वारा दिए गए साक्षात्कार से स्पष्ट हो गया है। केआईएम ने कहा है कि उनका दुश्मन कुकी समुदाय है और ऐसे लोगों के समूह के साथ रहना असंभव हो गया है। वे हमें ख़त्म करना चाहते हैं।
इसलिए हमें मणिपुर से अलग होने की तत्काल जरूरत है।
जहाँ कुकी समुदाय भारत के संविधान के तहत अपनी पैतृक भूमि में रहते हुए सम्मानित भारतीय नागरिकों के रूप में शांतिपूर्वक रह सके।
बता दें कि कुकी समुदाय के इस पत्र में दस विधायकों के नाम भी हैं। इन दस विधायकों में सात विधायक बीजेपी से हैं। इन्होने साफ़ तौर से कहा है कि मौजूदा सरकार कुकी समुदाय की रक्षा करने में विफल रही है। यह सरकार बहुसंख्यक मैतेई समुदाय से कुकी पर हमला करवाती है और हमें भागना चाहती है। ऐसे में जरुरी इस बात की है कि हमारे लिए अलग प्रशासन की व्यवस्था की जाए ताकि अहम् शांति से रह सकें। इससे मणिपुर के पड़ोसी राज्य भी शांत रहेंगे।
बता दें कि मणिपुर में कुकी समुदाय की आबादी कुल आबादी की 40 फीसदी से ज्यादा है। अभी मणिपुर की आबादी करीब 27 लाख के पास है इनमे करीब 40 फीसदी आबादी कुकी आदिवासियों की है। यह बात और है कि कुकियों की मांग को अभी तक सरकार नकारती रही है लेकिन जिस तरह से मणिपुर में संघर्ष जारी है उसे तत्काल नहीं रोका गया तो सरकार की परेशानी और भी बढ़ सकती है।