न्यायाधीशों की नियुक्ति पर केंद्र -न्यायपालिका में टकराव ,Supreme Court ने केंद्र को दी चेतावनी
अटॉर्नी जेनरल ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट के अनुशंसित पांच नामो की बात है ,इसका वारंट पांच दिनों के भीतर इश्यू कर दिया जाएगा। एजी ने कहा कि आप टाइम मत दीजिये लेकिन यह प्रक्रिया में है।
न्यायपालिका और सरकार के बीच तकरार अभी भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जल्द से जल्द न्यायाधीशों (judges) की नियुक्ति चाहता है लेकिन केंद्र सरकार कोलेजियम (collegium) की सिफारिस पर चुप्पी साढ़े बैठी है। कल सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जेनेरल वेंकटरमणि (Attorney General Venkataramani) को कहा कि जो पांच नाम केंद्र के पास भेजा गया है वह कब नोटिफाई होगा ? इस पर एजी ने कहा कि जल्द होगा। प्रक्रिया में है। एजी के इस जबाब से मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संजय किशन कॉल (Justice Sanjay Kishan Call) और अभय एस ओका की बेंच ने कहा कि हम जल्द चाहते हैं। अदालत ने कहा कि हम आपको दस दिन का समय देते है और चेतावनी भी।
13 दिसंबर को कॉलेजियम ने भेजे थे ये 5 नाम
अटॉर्नी जेनरल ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट के अनुशंसित पांच नामो की बात है ,इसका वारंट पांच दिनों के भीतर इश्यू कर दिया जाएगा। एजी ने कहा कि आप टाइम मत दीजिये लेकिन यह प्रक्रिया में है। इस पर जस्टिस संजय किशन कॉल ने कहा कि आप कर तो रहे हैं लेकिन कब तक होगा ?पिछले कई सालों से चीजें हो नहीं रही है। इस पर एजी ने कहा मैं बस यही कह रहा हूँ कि कोई टाइम लाइन नहीं दे सकते लेकिन हर पल इस पर काम हो रहा है।इस पर जस्टिस संजय किशल कॉल ने कहा कि आप इसे कड़े फैसले के लिए बाध्य कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आप नए रेकमेंडेशन में कुछ कहना चाहते हैं ,लेकिन ट्रांसफर के मामले गंभीर मुद्दा है। हमें कडा स्टैंड लेने के लिए बाध्य न करे। इस पर एजी ने कुछ समय माँगा। जस्टिस कॉल ने कहा कि ठीक है —- ‘हम आपको दस दिन का समय देते हैं और आपकी बात का मान रखते हैं। उम्मीद है हमें गुड न्यूज़ सुनाएंगे’।
कॉलेजियम और केंद्र में टकराव की स्थिति
बता दें कि केंद्र सरकार के पास कोलेजियम द्वारा भेजी गई 64 सिफारिशें अभी पेंडिंग है। जबकि सरकार ने 18 सिफारिशें लौटा दी है। दो फरवरी को केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने राज्य सभा में यह जानकारी दी थी। केंद्र सरकार ने अबतक 18 नामो को वापस लौटाया है ,उनमे से सात को कोलेजियम ने दुबारा भेजा है। रिजिजू ने यह भी बताया कि उच्च न्यायलय में जजों के कुल 1108 पद स्वीकृत हैं जिसमे 333 पद अभी खाली है.
बता दें कि जजों की नियुक्ति के मसले पर केंद्र और न्यायपालिका के बीच तकरार जारी है। यह तनातनी लम्बे समय है। केंद्र ने कई नाम लौटाए हैं और कई तरह के तर्क दिए थे।