माहोली। चंडीगढ यूनिवर्सिटी की गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के एमएमएस कांड के बाद छात्र काफी आक्रोशित हैं। इस कारण यूनिवर्सिटी में छुट्टी करके 24 सितम्बर के लिए हॉस्टल बंद कर दिया गया है। गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं को जबरन घर भेजा जा रहा है। इस प्रकरण में लापरवाही के आरोप में गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन निलंबित कर दिया गया है।
छात्राएं अब तक हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं
छात्राओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों की अन्याय के खिलाफ उठायी जाने वाली आवाज को दबा रहा है। वह इस गंभीर मामले को पुलिस के मद्द से रफा दफा करने में लगा है। एमएमएस बनाने वाली छात्रा और वायरल करने वाले उसके पुरुष मित्र की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन पीड़ित छात्राएं इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
वीडियो वायरल होने से काफी मानसिक आघात पहुंचा
वे पूरी तरह से अपनी सुरक्षा चाहती हैं। छात्राओं ने आरोप लगाया कि आये दिन हॉस्टल में चोरी होती हैं। इसके बावजूद वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवाये गये हैं। गर्ल्स हॉस्टल की छात्राएं एमएमएस कांड के बाद काफी डरी हुई हैं। उन्हें अपनी साथी छात्राओं के वीडियो वायरल होने से काफी मानसिक आघात पहुंचा है। वे अब इस तरह के घटना की किसी भी सूरत में पुनरावृत्ति नहीं चाहतीं। इसके लिए पूरी सुरक्षा चाहती है।
प्रथम वर्ष की छात्रा की थी सारी करतूत
बता दें कि गर्ल्स हॉस्टल के रहने वाली एक प्रथम वर्ष की एक छात्रा काफी समय से छात्राओं का एमएमएस कांड बना रही थी। वह ये एमएमएस शिमला में रहने वाले अपने पुरुष मित्र को भेज देती थी। इसका पता तब चला जब उस युवक ने इन छात्राओं के एमएमएस इंटरनेट पर वायरल कर दिये थे।
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इस घटना से बुरी तरह आहत 8 छात्राओं में आत्महत्या की कोशिश की थी। गर्ल्स हॉस्टल व बॉयज हॉस्टल के छात्राओं ने शनिवार आधी रात के बाद जमकर हंगामा किया था। इससे यूनिवर्सिटी के आला अफसरों और पुलिस के हाथ पैर फूल गये थे। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पूरे परिसर बंद करवाकर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी।
पुलिस व यूनिवर्सिटी प्रबंधन काफी दबाव में
रविवार के इस मामले को लेकर हंगामा होता रहा था। फिलहाल पुलिस व यूनिवर्सिटी प्रबंधन काफी दबाव में है। छात्रों में बढते आक्रोश को देखते हुए डैमेज कंट्रोल करते हुए गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही छात्राओं को घर भेजकर हॉस्टल खाली कराया जा रहा है।