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चुनावों से पहले कांग्रेस को मिल रहे झटके पर झटके, राजस्थान को बचाना हो गया मुश्किल!

Rajasthan Assembly Election 2023: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए नेता और राजनेता भरपूर कोशिश कर रहे हैं। हर वो दांव चल रहे हैं, जिससे की चुनाव जीता जा सके, एक दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़ रहे हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी लगातार विपक्ष को सेंध लगाने की काम कर रही है। जिससे की कहीं ना कहीं कांग्रेस की टेंशन लगातार बढ़ती हुईं साफ तौर पर नजर आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी की सीधी टक्कर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से होने वाला है। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनावों में अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा। जीतना पड़ेगा, ताकि जनता को भरोसा हो सके। दरअसल आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में होने वाले हैं। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। दोनों ही पार्टियों के सामने अपने अपने राज्य को बचाने की चुनौती बरकरार है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की फिराक में है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के गण में अपनी सरकार लाने की भरपूर कोशिश कर रही है। लेकिन अगर धरातल की बात की जाए तो कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता ज्यादा एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं।


इसी कड़ी में अगर बात राजस्थान की करें तो राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो कि कांग्रेस पार्टी के लिए एक अच्छी खबर नहीं है। आपको बता दें कि आज भी भारतीय जनता पार्टी में दिग्गज नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। आपको बता दें कि सचिन पायलट के करीबी नेताओं में से पंडित सुरेश मिश्रा ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है औऱ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। सुरेश मिश्रा ब्राह्मण महासभा को राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं औऱ कई पूर्व विधायक शामिल हुए हैं। दरअसल आपको ये भी बता दें कि इसस पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलत की करीबी नेता ज्योति खंडेलवाल भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं थी, जिससे की कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ज्योति खंडेलवाल के अलावा कई और नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। राजगढ़ से पूर्व विधायक नंदलाल पूनिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है, झुंझुनूं से डॉ हरिसिंह सारण ने भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सांवरलाल महरिया भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। पूर्व IPS अधिकारी केसर सिंह शेखावत भारतीय जनता पार्टी के साथ अब चुनाव लड़ते हुए नजर आएंगे। आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता जयपाल सिंह भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी भी बीजेपी में शामिल हो चुके थे।


राजस्थान कांग्रेस पार्टी के लिए कई मायनों में अहम है, ये बात भारतीय जनता पार्टी को भी बखूबी पता है, कि राजस्थान को जीतने इतना आसान नहीं है। तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश को भी हल्के में नहीं ले रही है। बीजेपी आलाकमान ने बड़े बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह,जेपी नड्डा, सीएम योगी, राजनाथ सिंह समेत 40 नेताओं के नाम शामिल है। अब ऐसे में देखने वाली बात ये होगी की कांग्रेस पार्टी किस तरीके से अपने गढ़ को बचा पाती है। कांग्रेस पार्टी का अगला मास्टर प्लान क्या होगा। चूंकि अगर इसी तरीके से दिग्गज नेता भारतीय जनता पार्टी के साथ जाते रहेंगे तो कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जाएंगी।

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