नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत इन दिनों भारी उलझन में हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में प्रत्याशी बनाने का निर्देश दिया है। लेकिन वे राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना नहीं चाहते थे।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कह दिया है कि पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का नियम लागू रहेगा। इसके बाद अशोक गहलौत के हाथों से मुख्यमंत्री पद जाना तय है। 26 सितम्बर को अशोक गहलौत नामांकन पत्र भर सकते हैं। इससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है।
अशोक गहलौत के राजस्थान के मुख्यमंत्री पद छोड़ने पर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की लॉटरी लग सकती है। मुख्ममंत्री बनने के लिए सचिन ने जोड़तोड़ करनी शुरु कर दी है। गहलौत के पद से हटने पर पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल सकती है।
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लेकिन अशोक गहलौत कांग्रेस अध्यक्ष बन ही जाएंगे, यह निश्चित नहीं है। गहलौत बेशक गांधी परिवार के बहुत विश्वनीय व नजदीकी हैं। माना जा रहा है कि बेशक गहलौत अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन वे पार्टी हित में स्वतंत्र निर्णय नहीं ले पाएंगे। उन्हें हर फैसले के लिए पहले गांधी परिवार से मुहर लगवानी होगी।
उधर शशि थरुर कांग्रेस अध्यक्ष पद के मजबूत उम्मीदवार हैं। गहलौत के मुकाबले में थरुर की छवि ज्यादा अच्छी है। उनकी छवि एक मुखर कांग्रेसी की है। गांधी परिवार के चाटुकार भले ही उन्हें वोट न दें, लेकिन अधिकांश पार्टी के सच्चे शुभचिंतक उनके समर्थक हैं। शशि थरुर चुनाव में गहलौत को पटखनी देने में सक्षम हैं। यदि ऐसा हुआ तो अशोक गहलौत की स्थिति न घर के रहे, न घाट के, हो सकती है।