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बंगाल में सियासत, तकरार और ममता बनर्जी की कुंभकर्णी नींद कब टूटेगी ?

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West Bengal News: संदेशखाली (sandeshkhali) से उबल रही बंगाल (Bengal) की सियासत में एक तड़का ममता सरकार (Mamta Government) की तरफ से भी लगा दिया गया। इस सियासी तड़के का नाम था, मतुआ समुदाय के आधार कार्ड (Adhar Vard) के साथ साज़िश। इस पर कैसी सियासत हो रही है। आखिर क्यों बंगाल में मतुआ समुदाय (Matua community) को लेकर सियासत फुल स्विंग में है और इसके क्या मायने हैं। राजनीतिक रूप से इसकी क्या अहमियत है वो भी आपको समझाते हैं।

ममता के गंभीर आरोप…!

ममता (Mamta)का कहना है कि बंगाल में कई लोगों के आधार कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कौन लोग हैं। क्यों इनके आधार कार्ड निरस्त कर दिये गए तो इसे समझिए ये सभी बंगाल के नदिया जिले के रहने वाले हैं।जो बांग्लादेश से सटी सीमा पर रहते हैं।जहां 600 से 700 लोगों के आधार कार्ड निरस्त करने की जानकारी मिली। जिनका आधार निरस्त हुआ वो सभी मतुआ समुदाय (Matua community) से आते हैं।

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ज़ाहिर है लोगों के आधार कार्ड निरस्त होना बड़ी खबर है। ऐसे में ममता बनर्जी ने न सिर्फ इसे लोकसभा चुनाव (Loksabha Electio) का चुनावी हथकंडा बताने के आरोप लगा दिये बल्कि आधार निरस्तीकरण को सीधे NRC से जोड़ दिया। इस कड़ी में ममता बनर्जी (mamta banerjee) से सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी (PrimeMinister Modi) को चिट्ठी लिखी।

ममता ने लिखा कि प. बंगाल (West Bengal) की अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी (Scheduled Caste, Tribe, OBC) के आधार कार्ड निरस्त हुए हैं। बिना कारण बताए आधार कार्ड निष्क्रिय क्यों किये गए ? ये लाभार्थियों को वंचित करने के लिए है या लोकसभा चुनाव से पहले घबराहट पैदा करने की कोशिश है। आधार कार्ड निरस्तीकरण पर मौका मिला तो उसी बहाने इस घटना को NRC से भी जोड़ दिया।

वहीं दूसरी ओर हंगामे के बीच आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि UIDAI ने सफाई दी और कहा कि डेटाबेस को अपडेट रखने के लिए आधार कार्ड में दस्तावेजों और जानकारियों को अपडेट करने की कवायद शुरू की गई है। किसी भी आधार नंबर को रद्द नहीं किया गया है।

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देश में हो रहा विरोध

दरअसल आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के गुंडे जमकर उत्पात मचा रहे हैं। बहन बेटियों पर जमकर अत्याचार किए जा रहे हैं, लेकिन ममता बनर्जी मौन हैं। सीएम (CM) की कुर्सी के चक्कर में वो इतनी अंधीं हो गईं हैं कि वो बहन बेटियों को भी इंसाफ नहीं दे पा रहीं हैं। ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी और ममता पुलिस हाय-हाय के नारे दिए जाने लगे। हंगामा कुछ और सुलगता-धधकता उससे पहले ही शुभेंदु को संदेशखाली जाने की कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने इजाजत दे दी।क्योंकि कलकर्ता हाईकोर्ट (Calcutta Highcourt) की डिविजनल बेंच ने ममता सरकार की अर्जी ही खारिज कर दी। फिर तो पुलिस को भी कहना पड़ा…अब आप शर्तों के साथ संदेशखाली जा सकते हैं और भड़काऊ बात मत कीजिएगां। इजाजत के बाद शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी विधायक शंकर घोष (Subhendu Adhikari and BJP MLA Shankar Ghosh) संदेखाली पहुंचे और वहां पीड़ितों और प्रभावितों से मुलाकात की।

सुबेंधु अधिकारी ने कहा यहां पर सब लडने के लिये तैयार है। शाहजहां के खिलाफ एक्शन होना चाहिये। जनसैलाब बोल रहा है कि बंगाल से ममता भाग…। बहरहाल, बंगाल में जो सब हो रहा है उससे एक बात तो साफ है कि बंगाल में कानून का राज नहीं बल्कि आतंक का राज है। देखना ये होगा कि ममता दीदी कब जागती हैं ।

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