नई दिल्ली: वर्ष 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक करियर बर्बाद करने के लिए और गुजरात में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के कहने पर कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये की फंडिंग की थी।
इस बात का खुलासा गुजरात की एसआईटी(विशेष जांच टीम) ने अदालत में अपने 12 पेज के हलफनामे में दी है। अहमद पटेल उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष थे, हालांकि पिछले साल उनका निधन हो चुका है।
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गुजरात की एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने अपने हलफनामे में बताया है कि 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद कांग्रेस ने गुजरात और भाजपा में नरेन्द्र मोदी के बढते राजनीतिक प्रभाव से बौखलाकर तत्कालीन कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने मोदी को बदनाम करने के लिए बडी साजिश रची थी।
गोधरा कांड मामले में कुछ माह पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट देने और इस मामले के मोदी का नाम जानबूझकर घसीटने वाले षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की टिप्पणी बाद ही कांग्रेस नेता तीस्ता सीतलबाड, वीश्री कुमार और आईपीएस अधिकारी संजीव भटट को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात की एसआईटी टीम इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।