Adani Group: भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट,अडानी समूह कांड के बाद निवेशकों को 20 लाख करोड़ की चपत
भारतीय शेयर बाजार लगातार नीचे लुढ़कता जा रहा है। खासकर पिछले पांच दिनों में शेयर बाजार की जो स्थिति बनी हुई है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार की हालत और भी खराब हो सकती है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच दिनों में ही भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के साढ़े सात लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं और ख़ास कर जब से अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आयी है तब से भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के 20 लाख करोड़ बर्बाद हो गए हैं। जो हालत है उसे देखते हुए निवेशक काफी डरे हुए हैं और भविष्य को लेकर काफी चिंतित भी है। निवेशकों की 20 लाख करोड़ की चपत से पूरी दुनिया में भी इसके असर देखे जा रहे हैं। लेकिन सरकार अभी भी चुप्पी साढ़े हुए है।
पिछले पांच दिनों की कहानी को ही देखे तो सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। बीएसई सेंसेक्स ने पहले 61000 और फिर 60, 000 के लेवल को तोड़ दिया। पिछले पांच दिनों में ही सेंसेक्स में 1700 अंको की गिरावट आ चुकी है। वही निफ्टी की बात करें तो पांच सत्र में 433 अंक से नीचे लुढ़क चुका है। सच तो यही है कि अडानी समूह के शेयरों में जारी गिरावट ने निवेशकों के मनोबल को तोड़ दिया है। माहौल ऐसा हो गया है कि गिरते शेयर बाजार से देशी और विदेशी निवेशक अब दूर होते जा रहे हैं। और कहा जा रहा है कि अगर आगे भी यही ट्रेंड रहा तो भारतीय शेयर बाजार की हालत और भी ख़राब होगी और इसका बड़ा असर देश की इकॉनमी पर पडेगा।
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भारतीय शेयर बाजार के निवेशक अब काफी डर गए हैं। उनकी कमाई में जितनी सेंध लगी है इससे उनके भविष्य की की सभी योजनाए ख़त्म हो गई है। 16 फरवरी को बजार बंद होने पर बीएसई पर लिस्टेड शेयरों का मार्किट कैप को 268 लाख करोड़ था जो 23 फरवरी को घट कर 260 लाख करोड़ रुपये रह गए। यानी केवल पांच सत्र में निवेशकों को कुल 7.35 लाख करोड़ का नुक्सान हो चुका है। वही 24 जनवरी 2023 को जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आयी और देश में सनसनी फ़ैल गई ,उसके बाद अभी तक 20 लाख करोड़ की चपत निवेशकों की लग गई है। इतने बड़े नुक्सान से निवेशक अब काफी सहम से गए हैं। कहा जा रहा है कि कई निवेशकों की माली हालत भी ख़राब हो गई है और वे कंगाली में चले गए हैं।
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हालत ये है कि रिटेल निवेशक अब सदमे में चले गए हैं। जानकारी के मुताबिक़ घरेलु बाजार में निवेशकों की हिस्सेदारी 34 महीने के सबसे नीचले स्तर पर चली गई है। एनएसई पर एक्टिव ट्रेडरों की संख्या भी कम हुई है। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने कैश बाजार में रिटेल निवेशकों ने 22829 करोड़ रुपये का हर दिन लेन देन किया था जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम माना जा रहा है। जानकार यह भी मान रहे हैं कि आगामी दिनों में शेयर बाजार के हालत नहीं सुधरे तो हालत और भी ख़राब होगी और निवेशक धीरे -धीरे बहार हो जायेंगे। जितनी संख्या में निवेशक प्रभित हो रहे हैं इससे भारतीय शेयर बाजार की विश्वसनीयता भी खतरे में आ गई है।