ट्रेंडिंग

Thai Culture: कुशीनगर में निकाली अष्ट धातु शोभा यात्रा, दिखी थाई संस्कृति की अनूठी झलक

कुशीनगर थाईलैंड मोनेस्ट्री द्वारा निकाली गई 14वीं अष्ट धातु शोभा यात्रा निकाली गई, इसमें थाईलैंड के राजदूत भी शामिल हुए है। थाईलैंड की पारम्परिक लोक नृत्य बीच निकली यह यात्रा भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण मंदिर पहुँची।यहां विशेष पूजा के बाद भगवान बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा को चीवर चढ़ाकर विश्व कल्याण की कामना की गयी।

कुशीनगर। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में थाई संस्कृति (Thai Culture) की अनूठी झलक देखने को मिली है।दो साल कोविड के बाद इस साल 14वीं अष्ट धातु शोभा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में थाईलैंड के बौद्ध धर्म गुरु पी खोमसोम सहित हजारों थाई बौद्ध भिक्षु ,कलाकार और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।


कुशीनगर थाईलैंड मोनेस्ट्री द्वारा निकाली गई 14वीं अष्ट धातु शोभा यात्रा निकाली गई, इसमें थाईलैंड के राजदूत भी शामिल हुए है। थाईलैंड की पारम्परिक लोक नृत्य बीच निकली यह यात्रा भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण मंदिर पहुँची।यहां विशेष पूजा के बाद भगवान बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा को चीवर चढ़ाकर विश्व कल्याण की कामना की गयी।

धातु शोभायात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण थाई युवतियों और महिलाओं द्वारा भारतीय पारंपरिक परिधान साड़ी और लहंगा चुनरी में यात्रा में शामिल होना रहा।


थाई मोनेस्ट्री कुशीनगर अम्बिकेश त्रिपाठी ने बताया कि कुशीनगर स्थित थाई मोनेस्ट्री में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां रखी हुई है।इस यात्रा के जरिये बुद्ध की अस्थियों को मूल मंदिर महापरिनिर्वाण स्थल लाया जाता है,जहाँ भगवान बुद्ध निर्वाण को प्राप्त हुए थे।

यह भी पढेंः Groom Beating: दुल्हन पक्ष ने दूल्हे और बारातियों को पीटा, पुलिस सुरक्षा में संपन्न हुए फेरे

भले ही भगवान राम और उनके पवित्र ग्रन्थ रामचरित मानस में लिखी चौपाई को लेकर भारत में विवाद हो रहा हो, लेकिन थाईलैंड के लोग भगवान राम के कारण ही भारत को अपना दूसरा घर मानते हैं।


आज भी थाईलैंड के राजा को राम वन राम 2 की उपाधि दी जाती है | थाई मोनेस्ट्री द्वारा निकाली जा रही धातु शोभा यात्रा में शामिल थाईलैंड के प्रमुख धर्मगुरु पी खोम सोम ने यह बातें कही है। भारत और थाईलैंड के बीच बढ़ता सांस्कृतिक सहयोग जो 2500 सौ वर्ष से भी पुराना है | रूस और यूक्रेन युद्ध और विश्व भर में फैले तनाव को कम करने के लिए भी विशेष पूजा की गयी है।

editorial

editor

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button