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Loksabha Election Third Phase Voting: तो क्या वाकई में सत्ता समीकरण बदल रहे हैं ? शाह ने किया हमला

Loksabha Election Third Phase Voting: लोकसभा के तीन चरणों में चुनाव संपन्न हो गए हैं। सात तारीख को तीसरे चरण के चुनाव में हालांकि मतदान का प्रतिशत जरूर बढ़ा है। लेकिन बीजेपी को जैसी उम्मीद थी यह देखने को नहीं मिली है। कम वोटिंग पैटर्न से मुश्किलें तो इंडिया गठबंधन की भी बढ़ी हुई है और अब भी कोई इंडिया गठबंधन वाले भी खुलकर कोई परिणाम की बात नहीं कह रहे हैं, लेकिन बीजेपी के भीतर कुछ ज्यादा ही मायूसी है।

तीन चरणों में अब तक 284 सीटों पर मतदान हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषक अपने – अपने तरीके से चुनाव परिणाम की कथित गणना भी कर रहे हैं लेकिन कोई साफ़ तस्वीर नहीं दिख रही है। इतना भर लग रहा है कि बीजेपी का चार सौ पार का नारा बेकार है और बीजेपी को इस बार कई जगहों पर मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। अगरा अनुमान की बात की जाए तो कहा जा रहा है कि अभी तक जिन 284 सीटों पर मतदान हो गए हैं वहां बीजेपी को करीब 35 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। लेकिन यह सब अनुमान भर है और हर विश्लेषकों का अपना नजरिया भी। लेकिन एक बात तो यह समझ में आ रही है कि इस बार का चुनाव पहले चुनाव से भिन्न है, और बीजेपी काफी मुश्किलों का सामना भी कर रही है।

कई जानकार अब यह भी कह रहे हैं कि बीजेपी को जहाँ से बड़ी उम्मीद थी लगभग उन सभी राज्यों में चुनाव संपन्न हो गए हैं। कुछ राज्य अभी बचे हैं जहाँ से बीजेपी को अभी भी काफी उम्मीद है। लेकिन जिस तरह की लड़ाई चल रही है, उसमे इस बात की आशंका है कि अगर चुनावी पैटर्न इसी तरह चलते रहे तो चुनाव परिणाम भिन्न हो सकते हैं। बीजेपी कम सीटों पर सिमटा भी सकती है और संसद भंग भी हो सकता है। बीजेपी के तीन चरणों के मतदान को लेकर काफी बैठके भी हो रही है।

बीजेपी अब चुकने को तैयार नहीं। जिस तरह की बाते मीडिया में चल रही है उससे बीजेपी अब आर पार की लड़ाई के मूड में है। आज गृह मंत्री अमित शाह लखीमपुर में भाषण देने पहुंचे थे। सपा नेता रामगोपाल यादव के बयान पर भड़कते हुए शाह ने कहा कि सपा वाले राममंदिर को बेकार मानते हैं। जरा भी गलती हुई राममंदिर पर बाबरी नाम का अटाला लगाने का ये लोग काम कर सकते हैं। शाह ने आगे कहा कि यूपी में जब भी सपा की सरकार थी ,गुंडई चलती थी ,जमीन पर कब्जे होते थे। होली और दिवाली के दिन बिजली नहीं आती थी जबकि रमजान में 24 घंटे बिजली आती थी।

जाहिर है शाह ने इस तरह का बयान देकर साफ़ कर दिया है कि अब छुपकर बोलने से कुछ नहीं होने वाला। जाहिर है अब ध्रुवीकरण का खेल चलेगा। बीजेपी भी यही सब करती दिख रही है जबकि इंडिया गठबंधन वाले भी ध्रुवीकरण की कोशिश करने से बाज नहीं आ रहे हैं। लेकिन मजे की बात तो यह है कि जनता अभी तक किसी बहकावे में नहीं आ रही है। जनता मौन है और चुपके से बूथ जाकर अपना वोट देकर लौट रही है।

अमित शाह लखीमपुर में और भी बहुत कुछ कह गए। उन्होंने कहा कि सपा ,बसपा और कांग्रेस वाले झूठी खबर फैलाकर बीजेपी और मोदी को बदनाम कर रहे हैं। यह कह रहे हैं कि चार सौ सेट देंगे तो आरक्षण का लाभ चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के भीतर कांग्रेस को बहुमत है वहां पिछड़े वर्ग के पांच फीसदी आरक्षण को काटकर मुसलमानो को दे दिया गया है। सच तो यही है कि पिछड़े वर्ग के आरक्षण को काटने का काम कॉंग्रेस् ने किया है।

शान ने राहुल गाँधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बाबा कहते हैं कि एक झटके में गरीबी मिटा देंगे। आपकी ददई ने एक ही झटके में आपातकाल लगा दिया था। और पिता ने एक ही झटके में तीन तलाक इंट्रोड्यूस कर दिया था। फिर आपकी पार्टी ने एक ही झटके में आरक्षण को भी छीन लिया। .राहुल यह भी कहते हैं कि उनकी सरकार सीएए हटा देगी। लेकिन उनकी ददई भी आ जाएगी तब भी सीएए नहीं हट सकता। शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के पास न तो नेता है और ही नियत है। कोई पीएम उम्मीदवार भी नहीं है।

शाह यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि तीन चरणों में चुनाव हो गए हैं। सच तो यही है कि मोदी 190 सीट पार गए हैं। चौथे चरण में और मजबूती के साथ बीजेपी आगे बढ़ेगी। सच तो यही है कि सपा ,कांग्रेस और बसपा का सुफ्रा साफ़ हो गया है। यह चुनाव मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने का चुनाव है। टीम करोड़ गरीब बहनो को लखपति बनाने का चुनाव है। चार लाख गरीबो के लिए घर बनाने का चुनाव है। लोगों को समृद्ध बनाने का चुनाव है।

लेकिन जब शाह यह सब बोल रहे थे तो लोग मजा ले रहे थे। कई लोगों ने सभा से बहार यह बात कर रहे थे कि मोदी और शाह गरीबी ,बेरोजगारी और महंगाई पर बात नहीं करते। यह उनका मुद्दा नहीं है। वे सबको गरीब बनाये रखने की नात करते हैं। गरीब रह्र्गा तो देश की राजनीति चमकती रहेगी। जितने भी फालतू लोग है सब चुनाव लड़ते हैं और जीतकर मजा मारते हैं। ऐसी राजनीति से तौबा।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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