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ITBP CORRUPTION CASE: आईटीबीपी में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश: सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू

ITBP CORRUPTION CASE: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की मिरथी, पिथौरागढ़ स्थित 7वीं बटालियन में करीब 2 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घोटाले का आरोप आईटीबीपी के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों पर लगा है, जिनमें बड़े पदों पर रहे अफसरों को भी नामजद किया गया है। यह वित्तीय अनियमितताएं 2017 से 2021 के बीच हुई बताई जा रही हैं। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के तहत अफसरों पर सरकारी धन के दुरुपयोग, ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

ITBP CORRUPTION CASE: पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की मिरथी, पिथौरागढ़ स्थित 7वीं बटालियन में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घोटाला वर्ष 2017 से 2021 के बीच हुआ बताया जा रहा है, जिसमें तत्कालीन आईटीबीपी अफसरों पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं।

सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस कथित घोटाले में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई ने जांच तेज कर दी है और कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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क्या है मामला?

सीबीआई की जांच के अनुसार, आईटीबीपी की 7वीं बटालियन में हुए इस घोटाले में विभिन्न प्रकार के कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं की गईं। इस दौरान अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया में धांधली करने, सरकारी सामान के परिवहन को गलत तरीके से दर्शाने और अनुचित तरीके से भुगतान करने के आरोपों का सामना किया।

एफआईआर में तत्कालीन कमांडेंट से लेकर डिप्टी कमांडेंट तक के छह अधिकारियों के साथ-साथ कुछ ठेकेदारों और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

जनरेटर ढुलान घोटाला: 11 लाख से अधिक की हेराफेरी

इस घोटाले का सबसे प्रमुख मामला जनरेटरों के परिवहन से जुड़ा है। जांच में सामने आया कि आईटीबीपी को विभिन्न पोस्टों पर 10 KVA और 5 KVA क्षमता के जनरेटर भेजने थे। यह कार्य ठेकेदार के निजी परिवहन साधनों से किया गया, लेकिन अधिकारियों ने दस्तावेजों में इसे ‘पोर्टर्स’ (मजदूरों) द्वारा किया गया दिखाया।

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घोटाले की प्रमुख बातें:

10 KVA क्षमता के 10 जनरेटर और 5 KVA के 2 जनरेटर का परिवहन किया जाना था।

प्रत्येक 10 KVA जनरेटर का वजन 770 किलोग्राम और 5 KVA जनरेटर का वजन 665 किलोग्राम था।

इन भारी जनरेटरों को पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में मजदूरों द्वारा ले जाना संभव नहीं था, फिर भी अधिकारियों ने ऐसा दिखाया।

इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार को 11,29,858 रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ।

ITBP CORRUPTION CASE: Crores of rupees scam exposed in ITBP: CBI filed FIR, action initiated against senior officials.

पत्थर ढुलान घोटाला: 9 लाख 35 हजार का अतिरिक्त भुगतान

सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020-21 में गलवान में हुई झड़पों के बाद, भारत ने सीमावर्ती इलाकों में अपनी सैन्य चौकियों को मजबूत करने का फैसला लिया। इसके तहत कई नए मोर्चों का निर्माण और पुराने मोर्चों की मरम्मत की जानी थी।

इस कार्य के लिए पत्थरों का परिवहन किया जाना था, लेकिन जांच में सामने आया कि अधिकारियों ने दस्तावेजों में इसे दूर से लाने का दावा किया, जबकि हकीकत में आसपास के इलाकों से पत्थर इकट्ठा किए गए थे।

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मुख्य आरोप:

380 सैन्य मोर्चों के निर्माण और मरम्मत के लिए पत्थर का उपयोग किया गया।

ठेकेदार को 18.75 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन उसे 28.10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।

इस तरह 9.35 लाख रुपये का अतिरिक्त सरकारी धन ठेकेदार को दिया गया, जो भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है।

टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता: ठेकेदार को अनुचित लाभ

इसके अलावा, सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की और मनचाहे ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया।

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मुख्य आरोप:

टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया।

मनपसंद ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी कागजात तैयार किए गए।

सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए भुगतान में अनियमितता बरती गई।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

आईटीबीपी मुख्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी दी और सीबीआई जांच की अनुमति मांगी। गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीर मानते हुए सीबीआई को जांच का आदेश दिया। इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर मामले की तह तक जाने के लिए जांच शुरू कर दी है।

सीबीआई की कार्रवाई और आगे की जांच

सीबीआई ने घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है और आरोपी अधिकारियों एवं ठेकेदारों से पूछताछ की जा रही है। जांच में यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आईटीबीपी देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन इस तरह के भ्रष्टाचार के मामलों से इसकी छवि को धक्का लगा है। सीबीआई की जांच से यह स्पष्ट होगा कि इस घोटाले में कौन-कौन दोषी हैं और उन्हें क्या सजा मिलनी चाहिए।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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