Delhi University: मिलिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के सबसे बुजुर्ग छात्र से, 71 साल की उम्र में मास्टर्स कर रहे हैं नागेश चड्ढा
कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, ख़ासतौर पर पढ़ने की। किसी भी उम्र में पढ़ाई की जा सकती है। लेकिन यदि कोई 35 साल तक सरकारी नौकरी करने के बाद 71 साल की उम्र में किसी यूनिवर्सिटी में रेगुलर एडमिशन लेकर पढ़ाई करे और डायनामिक स्टूडेंट हो तो उसकी प्रशंसा करना तो बनती ही है।
नई दिल्ली: कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, ख़ासतौर पर पढ़ने की। किसी भी उम्र में पढ़ाई की जा सकती है। लेकिन यदि कोई 35 साल तक सरकारी नौकरी करने के बाद 71 साल की उम्र में किसी यूनिवर्सिटी में रेगुलर एडमिशन लेकर पढ़ाई करे और डायनामिक स्टूडेंट हो तो उसकी प्रशंसा करना तो बनती ही है।
चलिए हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताते हैं। ये हैं 71 साल के नागेश चड्ढा, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में मास्टर्स उर्दू के स्टूडेंट हैं। यूनिवर्सिटी में सभी छात्र उन्हें आपस में ‘दादाजी’ के नाम से पुकारते हैं। नागेश चड्ढा डीयू में सभी छात्रों के प्रेरणा स्रोत हैं। इस उम्र में अधिकांश लोग जब घर बैठकर आराम करने की सोचते हैं, उस उम्र में नागेश सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।
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जब वे पहली बार क्लास में आये तो सीधे स्टूडेंट्स के बीच बैठ गये तो सारे छात्र हैरान रह गये। उन्होंने उनकी उम्र देखकर सोचा था कि नागेश चड्ढा किसी सब्जेक्ट के रिटायर्ड प्रोफेसर होंगे, लेकिन जब ये पता चला कि वे पढ़ाने नहीं, खुद पढ़ने आए हैं यानी उनकी तरह वे भी एम.ए. के स्टूडेंट हैं। इसके बाद वो सभी के बीच चर्चा का विषय बन गए। नागेश जीवन बीमा निगम से रिटायर्ड हैं।
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उन्होंने अपनी उम्र को कभी अपनी पढ़ाई-लिखाई के बीच नहीं आने दिया। नागेश बताते हैं कि वो दिन में कम से कम 5 घंटे पढ़ाई करते हैं। जब यूनिवर्सिटी से लोग उनके पास आते हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। इस उम्र में पढ़ाई करने को लेकर लोग सवाल करते हैं, तो मैं यही कहता हूं कि ज्ञान कभी भी बेकार नहीं जाता। बस आपके अंदर सीखने और पढ़ने की लगन होनी चाहिए।