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अय्याश राजा की शर्मनाक मांग…उजड़े 84 गांव

प्राचीन काल में लोग जादू टोने, भूत-प्रेतों में भारी विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि भूत-प्रेत शोरगुल से दूर रहते हैं, लेकिन राजस्थान के जनपद जैसलमेर के गांव कुलधरा में भूतों का बसेरा बताया जाता है। यह गांव 170 वषों से एक अय्याश राजा की शर्मनाक मांग के कारण श्रापित है।

लगभग दो सौ वर्षों पूर्व जैसलमेर के तत्कालीन दीवान (राजा) सलीम सिंह ने अपनी अय्याशी के लिए कुलधरा गांव वालों से एक ब्राह्मण परिवार की सोलह साल की लड़की को हरम में भेजने की शर्मनाक मांग की थी। इस अय्याश राजा की यह मांग उसके सर्वनाश का कारण बनी। इस मांग के विरोध में जैसलमेर रियासत के 84 गांवों के लोग सदा के लिए रियासत छोड़कर चले गये थे। ब्राह्मणों के श्राप के कारण ही राजा सलीम का पतन हुआ।

आज भी कुलधरा गांव 170 वषों से वीरान और खंडहर पड़ा है। यहां भूतों-पिशाचों का बसेरा बताया जाता है। रात को डरावनी और भयावह चीख-पुकार भरी आवाजें और पायल की झंकारें सुनाई देने का दावा किया जाता है। इसलिए रात को कुलधरा गांव में कोई जाने की हिम्मत नहीं कर पाता।

बताया जाता है कि तत्कालीन राजा दीवान सलीम सिंह एक बार कुलधरा से गुज़रा, तो पालीवाल ब्राह्मण परिवार की एक सोलह साल की लड़की पर उसकी नज़र पड़ी। वह युवती के रूप-सौंदर्य पर मोहित हो गया। राजा सलीम सिंह ने महल पहुंचकर उस गांव के मुखिया को फरमान भिजवाया कि वह युवती को तुरंत उसके पास राजमहल भिजवा दें। वह उस लड़की को अपनी हरम में रखना चाहता है। पालीवाल समाज के लोगों ने राजा के इस शर्मनाक फरमान को पालीवाल गोत्र ही नहीं, समस्त रियासत के ब्राह्मणों का अपमान माना और उन्होने राजा की मांग को ठुकरा दिया। इससे नाराज होकर राजा सलीम सिंह ने धमकी दी कि यदि पन्द्रह दिनों के अन्दर गांव वाले ने किशोरी को उसके पास नहीं भिजवाया तो वह जबरन मंगवा लेगा।

इस बात को पालीवाल ब्राह्मणों ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया। पालीवाल ब्राह्मणों ने 84 गांवों की लोगों की बैठक कर निर्णय लिया गया कि वे सब लोग दीवान सलीम सिंह की रियासत छोड़कर अन्यत्र चले जायेंगे, लेकिन अपनी बेटी की इज्ज़त नीलाम नहीं होने देगें। सभी ब्राह्मणों ने अपने गांवों को छोड़ दिये। पालीवाल ब्राह्मणों ने जब दुखी मन से अपने घर- गांव छोड़े, तब उन्होंने राजा सलीम सिंह की रियासत पूरी तरह से बर्बाद होने का श्राप दिया। तब कुलधरा आज भी श्रापित है।

इसके बाद राजा सलीम सिंह का पतन हो गया और सब गांव वीरान होकर खंड़हरों में तब्दील हो गये। उस समय के उजड़े 84 गांवों से 82 गांव तो बाद में आबाद हो गये, मगर कुलधरा और खामा अभी भी वीरान हैं। यहां भूत-पिशाच, प्रेतात्माओं के रहने की बात कही जाती है। डर के कारण लोग इन दोनों गांवों की तरफ रात में नहीं जाते। कुछ लोग अनजाने में कभी उधर भटककर पहुंचे तो उनमें उनके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई और कई को जान से भी हाथ धोना पड़ा।

admin

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