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महिला लाशों के साथ सोने का शौकीन था रुसी प्रोफेसर

दुनिया सनकी लोगों से भरी पड़ी है। भारत में अघोरी और नागा बाबाओं का जीवन किसी रहस्य से कम नही। अघोरी बाबाओं का श्मशान में रहना, गले में कई तरह की हड्डियां पहने रखना, शरीर पर चिता भस्म लगाना उनके जीवन का हिस्सा है। अघोरी-नागा बाबाओं का हर क्रियाकलाप किसी रहस्य से कम नहीं होता, लेकिन रूस के एक प्रोफेसर का सामाजिक जीवन इनसे भी ज्यादा रहस्यमय था। यह प्रोफेसर वर्षों तक अपने ही घर में करीब दो दर्जन महिलाओं लाशों के साथ रहने और सोने का शौकीन था।  

करीब ग्यारह साल पहले रूस के प्रख्यात इतिहासकार, प्रोफेसर व भाषाविद अनातोली मोस्कविन के खिलाफ कब्र से लाश चोरी घर में रखने की शिकायत मिली थी। शिकायत की जाँच के लिए जब रुसी पुलिस अनातोली के घर पहुंची, तो घर के अंदर की हालत देखकर पुलिस सकते में आ गयी। वहां उसे दो दर्जन से अधिक तीन से पच्चीस वर्ष की बच्चियों व महिलाओं लाशें मिली,  जिनमें कई ममी के रुप में थीं। अनातोली मोस्कविन से पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। उसने बताया कि वह उन मृत महिलाओं-बच्चियों की रुहों से बात करता है। उसे महिला लाशों के बीच रहने, सोने और उनसे मनोरंजक बातें करने से परम आनन्द की प्राप्ति होती है।

मोस्कविन ने खुलासा किया कि उसने ये सारी लाशें वर्ष 2005 से 2007 के बीच करीब साढ़े सात सौ कब्रिस्तानों की ख़ाक छानने के बाद कब्रों को खोद कर चोरी की थीं। इस दौरान वह रातों को वहां कब्रों के ऊपर सोता था। तमाम रातें उसने ताबूत में सोकर भी गुजारी थीं। रूसी पुलिस ने जब मोस्कविन का मेडिकल कराया, तो वह ‘पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया’  नामक मानसिक बीमारी से ग्रस्त पाया गया। इस मानसिक बीमारी के कारण उसे जेल न भेजकर मानसिक चिकित्सालय भेजा गया।

कई साल बाद अस्पताल में रहते हुए मोस्कविन ने अदालत से विवाह करने की अनुमति देने संबंधी अर्जी दायर की। मानसिक रोगी द्वारा अस्पताल से विवाह की अर्जी दिये जाने का मामला रुस ही नहीं सारी दुनिया में चर्चित हो गया था। मोस्कविन अर्जी में खुद को शादी करने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ होने का दावा किया था, लेकिन मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा अदालत में प्रस्तुत उसकी चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने याचिका को ख़ारिज कर दी थी। 

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