नई दिल्ली: चाणक्य अर्थशास्त्र (आज का सुविचार) का ज्ञाता होने के साथ-साथ नीति शास्त्री के रूप में भी विख्यात हैं। नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य जीवन की हर एक पहलुओं के बारे में विस्तार से समझाया है। इन्हीं कारणों के चाणक्य की नीति घोर कलियुग में भी प्रासंगिक मानी जाती है। अनेक लोग चाणक्य की नीतियों का अनुसरण और अक्षरशः पालन करते हैं। चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। चाणक्य स्वयं एक योग्य शिक्षक थे और उनका संबंध अपने समय के विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से था।
चाणक्य की चाणक्य नीति का आज भी बड़ी संख्या में लोग अध्ययन करते हैं और अपने जीवन में आनी वाली समस्याओं का हल तलाशने का प्रयास करते हैं। जीवन में आने वाली समस्याओं से कैसे निपटा जाए इस पर आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति:
समस्याओं से घबराने नहीं
चाणक्य की मानें तो जो लोग समस्या (आज का सुविचार) आने पर घबरा जाते हैं, उन्हें भय सताने लगता है और अपना धैर्य खो देते हैं। ऐसे लोगों को सफलता कभी नहीं मिलती है।
समस्याओं को काबू करें
चाणक्य के अनुसार समस्याओं को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। जिस कार्यस्थल पर समस्याओं को बताने वाले अधिक होते हैं उस कार्य स्थल की तरक्की नहीं होती हैं।
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नकारात्मक को दूर रखें
चाणक्य के अनुसार सफलता में सकारात्मक विचारों का अहम योगदान होता है जिस व्यक्ति के पास सदैव समस्या बनी रहती हैं और उन समस्या को लेकर दुखी होता है रहता है ऐसे व्यक्ति के जीवन में सफलता का स्वाद नहीं होता है।