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Maldives Election 2024: मुइज्जू को सता रहा है सत्ता खोने का डर, फिर उगला भारतीय सैनिकों के खिलाफ ज़हर !

Maldives Election 2024 | Muizzu is haunted by the fear of losing power

Maldives Election 2024: जिन भारतीय सैनिकों का विरोध करके मालदीव के राष्ट्रपति सत्ता में आये। अब वह अपनी राजनीतिक ताकत को बचाये रखने के लिए भारतीय सैनिकों का सहारा लेते नजर आ रहे है। अब वह इस सत्ता को बनाए रखने के लिए भी भारतीय सैनिकों का ही नाम ले रहे हैं। दरअसल मालदीव ( Maldives Election 2024) में संसदीय चुनाव होने हैं। इस बारे में मुइज्जू ने कहा कि अगर उनकी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो वे सैनिकों को नहीं हटा पाएंगे।

मालदीव ( Maldives Election 2024) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का एक बार फिर भारत विरोधी रुख देखने को मिला है। मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को देश से निकालने के नाम पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली है। अब एक बार फिर वह भारतीय सैनिकों के नाम पर संसदीय चुनाव जीतना चाहते हैं। आगामी संसदीय चुनाव ( Maldives Election 2024) में फायदे के लिए एक बार फिर उन्होंने भारतीय सैनिकों का ही मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार को संसदीय चुनाव में बहुमत नहीं मिला तो भारतीय सैनिकों को मालदीव से नहीं निकाला जा सकेगा।

माले में मौजूद भारतीय सैनिक मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के साथ खोज और बचाव अभियान चलाते हैं। यहां पर मौजूद भारतीय सैनिक मालदीव के लोगों की मदद के लिए हैं। लेकिन उन्हें हटाना मुइज्जू के मुख्य अभियान की प्रतिज्ञा है। सोमवार को हुई एक बैठक में उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं ये बैठक अड्डू हुलहुमिधु हुई थी । उन्होंने आगे कहा, “लेकिन सरकार को उन्हें हटाने के लिए मजलिस के बहुमत की जरूरत है।” पीपुल्स मजलिस मालदीव की संसद है।

राष्ट्रपति के अनुसार, दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित विनिमय पत्र की शर्तों के अनुसार सभी विदेशी सेनाओं को 10 मई तक देश छोड़ना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने उन्हें आश्वासन दिया कि समझौते का पालन किया जाएगा। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव के नतीजों पर निर्भर होगा की भारतीय सैनिकों की वापसी होगी या नहीं। साथ ही उन्होंने आगे कहा की जनता को अपना वोट देने से पहले भारतीय सैनिकों की भूमिका को भी समझना होगा।

मुइज्जू को सता रहा हार का डर

यह मजलिस में बहुमत खोने का राष्ट्रपति मुइज्जू का डर है जो उन्हें एक बार फिर भारतीय सैनिकों का मुद्दा उठा कर इसे राजनीतिक लाभ लेने के लिए मजबूर कर रहा है। अगर मजलिस में बहुमत विपक्ष के पास चला गया तो राष्ट्रपति मुइज्जू को पद से हटाया जा सकता है। चीन की यात्रा और भारत विरोधी रुख के बाद भी मुइज्जू को राजधानी माले के नगर निगम चुनाव में हार मिली थी।

यह हार इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि राष्ट्रपति बनने से ठीक पहले मुइज्जू माले के मेयर थे, जहां अब विपक्षी पार्टी ने कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा भारतीय सैनिकों का नाम लेने से यह स्पष्ट होता है कि यह सब केवल चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है। यहां आश्चर्यजनक बात यह है कि भारतीय सैनिकों की वापसी में वहां की संसद की कोई भूमिका नहीं है, इसलिए यह चुनावी लाभ हासिल करने के लिए उठाया गया मुद्दा है।

Prachi Chaudhary

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