Dhananjay singh News Updates: लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले बाहुबली धनंजय सिंह (Dhananjay singh News) फंस गये हैं उसकी वजह है उनको सुनाई गई 7 साल की सज़ा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि को दो या दो से अधिक साल की सजा मिलने पर सजा की अवधि पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाती है। इसका मतलब है कि सात साल की सजा और 6 साल की रोक के साथ अगले करीब 13 सालों तक धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।हालांकि धनंजय सिंह की तरफ से इस सजा को चुनौती जरूर दी जाएगी।
हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट (Supreeme Court) तमाम कोर्ट बैठी हैं कोई भी ऑर्डर लास्ट ऑर्डर नहीं होता. हाईकोर्ट में हम जाएंगे और निश्चित रूप से ये कन्विक्शन स्टे होगा। सजा मिलने के बाद से धनंजय सिंह के (Dhananjay singh News)चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग गया है पर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) जिस चुनावी षडयंत्र की बात कर रहे हैं।
दरअसल आपको बता दें कि 2 मार्च को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट में महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को जौनपुर सीट से टिकट दिया। तो धनंजय सिंह ने भी जौनपुर से चुनाव लड़ने के संकेत दे दिये थे.. ऐसी चर्चा शुरु हुई कि किसी दूसरी पार्टी के समर्थन से धनंजय सिंह जौनपुर से मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि धनंजय सिंह को टिकट मिलता या वो अपनी उम्मीदवारी पेश करते उससे पहले ही एक पुराने मामले में वो फंस गए।
ये पुराना मामला 10 मई 2020 का है. जब नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उसके साथी संतोष विक्रम पर FIR दर्ज कराई थी। करीब 46 महीने तक सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला आ चुका है।
धनंजय सिंह को एक बाहुबली नेता के तौर पर जाना जाता है,वो अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन अब धनंजय सिंह को 7 साल की सजा और 50 हजार रूपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। जो कि धनंजय सिंह के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि धनंजय सिंह ने भी जौनपुर से चुनाव लड़ने के संकेत दे दिये थे, जिसके बाद ऐसी चर्चा शुरु हुई थी कि किसी दूसरी पार्टी के समर्थन से धनंजय सिंह जौनपुर से मैदान में उतर सकते हैं।
धनंजय सिंह के पास क्या है विकल्प ?
धनंजय सिंह की अगर बात की जाए तो अभी धनंजय सिंह के पास कोई विकल्प बचा नहीं है, हालांकि इस पूरे मामले को लेकर सियासी पारा हाई है। पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं।