हथियार उठाने वालों की अंगुलियां जेल में पैदा कर रही सब्जियां,कभी जुर्म और जयराम की नगरी में था आतंक, जिला कारागार में सीख रहे खेती-बाड़ी
Jail News Mainpuri: जुर्म और जयराम को अपनाकर जिन्होंने कभी हत्यार थाम कर अपराध की दुनिया में कदम रखा। लूट, डकैती, हत्या जैसे संगीन वारदातों को अंजाम दियाऋ उन्ही हाथों की उंगलियां आज मैनपुरी की जिला कारागार में खेती-बाड़ी कर सब्जियों की फसल उगा रही हैं। जिला जेल से रिहाई होने के बाद अपराध से तौबा करने वाले ऐसे बंदियों को उनके हाथ गांव में खेती-बाड़ी करने में मददगार साबित होंगे। जिला जेल में पैदा हुई सब्जियां अन्य जिलों की जेल में भेजी जा रही हैं।
मैनपुरी जिला कारागार की अपनी अलग पहचान
मैनपुरी का जिला कारागार प्रदेश ही नहीं देश की अन्य जिलों से अलग अपनी एक पहचान छोड़ रहा है। जिला कारागार प्रशासन जेल में निरुद्ध बंदियों का जीवन सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जिला कारागार प्रशासन की पहल से बंदियों के जीवन में फिर एक बार उजाला होगा। जेल प्रशासन की मानें तो 798 बंदी क्षमता वाले जिला कारागार में वर्तमान में लगभग 11 सौ के लग भग बंदी है। अधिकांश बंदी अपराध के बाद ही जिला जेल लाए जाते हैं। जब बे सालों बाद जेल से रिहा होकर घर पहुंचते हैं तो उनके पास आजीविका चलाने का कोई रास्ता नहीं होता है। ऐसे में एक बार अपराध का रास्ता ही चुन लेते हैं। लेकिन मैनपुरी जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों के साथ ऐसा ना हो इसके लिए जेल प्रशासन प्रयास कर रहा है।
इसके तहत बंदियों को कई तरीके से पुनः पारंगत किया जा रहा है।
जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी के नेतृत्व और निर्देशन में जेल में निरुद्ध कैदी 6 से 7 एकड़ भूमि पर सब्जियों की खेती बाड़ी कर रहे हैं। मैनपुरी की जिला जेल में तैयार होने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियां पालक ,बैंगन, टमाटर, कद्दू, लौकी, तोरई ,भिंडी ,हरी मिर्च ,धनिया प्याज, कटहल आदि हरी सब्जियां भारी मात्रा में पैदा हो रही है। मैनपुरी की जेल में पैदा होने वाली हरी सब्जियां प्रदेश की दर्जनों जेलों में भेजी जाती हैं। जेल में निरुद्ध कैदी जो खेती-बाड़ी करते हैं। उन्हें 25 से 30 ,40रूपये तक प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है। सोमवार को मैनपुरी की जिला जेल से 13 सौ कुन्तल से अधिक हरी सब्जियां डीसीएम में लाकर प्रदेश की विभिन्न जेलों में भेजी गई।
जेल में पैदा होगा मशरूम
मैनपुरी। जिला जेल प्रशासन की माने तो जेल के अंदर 6 से 7 एकड़ भूमि पर सैकड़ों कुंटल हरी सब्जियां पैदा हो रही हैं। अब मशरूम की खेती करने की तैयारी है। जिला जेल के अंदर पहले से ही शलजम जैसी कीमती सब्जियां पैदा की जा रही है। जेल में निरुद्ध बंदियों की मेहनत रंग ला रही है।