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G20 Summit: जानिए बाइडेन -मोदी की मुलाकात की कहानी और कई मुद्दों पर हुए समझौते का सच

G20 Summit: जी 20 की बैठक अपने पुरे शबाब पर है। इस बैठक की अंतिम घोषणा क्या होती है। दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए दुनिया भर के देश क्या सन्देश देते हैं यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन आज सबसे ज्यादा चर्चा बाइडेन और मोदी के बीच हुई मुलाक़ात और अमेरिका और भारत के बीच हुए समझौतों को लेकर हो रही है। दोनों देशों ने एक दूसरे के प्रति विश्वास जताया है और स्थाई साझेदारी की भरपूर सराहना भी की है। दोनों देशों ने एक दूसरे का भरपूर सहयोग सहयोग करने का भी ऐलान किया है। अमेरिका ने खुलकर संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की है। इसके साथ ही कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। व्यापार को लेकर भी गहन मंथन होने की खबर आ रही है।

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बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और बाइडेन ने दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर और रक्षा और स्पेस रिसर्च को लेकर कई समझौते हुए हैं। बाइडेन ने इस दौरान G20 पर भारत के नेतृत्व की सराहना भी की है। दोनों देशों के बीच जो बातचीत हुई है अगर ये बातचीत मूर्त रूप में आ जाता है तो भारत को कई लाभ मिल सकते हैं। भारत और अमेरिका ने कहा है कि वे G20 शिखर सम्मलेन में सतत विकास ,बहपक्षीय सहयोग और समावेशी आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे। अमेरिका ने कहा है कि भारत में अगले पांच सालों में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जायेगा। इसके अलावा संयुक्त भारत की स्थाई सदस्यता के लिए अमेरिका ने अपनी तरफ से पैरवी कर दी है।


मोदी और बाइडेन ने यह भी कहा है कि व अंतरिक्ष और नविन प्रौद्योगिकी पर सहयोग बढ़ाएंगे और अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रद्योगिकी के विकास पर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं ने यह भी कहा है कि वे गृह बचाव पर समन्वय बढ़ाएंगे। मोदी और बाइडेन ने यह भी कहा है कि साझा मूल्यों जैसे स्वतंत्रता ,लोकतंत्र ,मानवाधिकार ,समावेश ,बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए सामान अवसर दोनों दोनों देशों के लिए जरुरी है।


भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदे भी हुए हैं। अमेरिका आने वाले सालों में भारत को 31 एम् क़्यू9 बी आर्म्स ड्रोन देने वाला है। दोनों देशों ने महत्वपर्ण और उभरती तकनीक ,विशेष रूप से दूरसंचार नेटवर्क ,सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष पर पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को तेज किया है और आने वाले समय में यह सहयोग से जारी रहेगा।
अब सबकी निगाहें साझा प्रेस वार्ता पर है। अमेरिका अंतिम रूप से क्या कुछ कहता है यह देखना बाकि है। इसके साथ ही भारत और भी कई देशों के साथ क्या कुछ समझौते करता है इस पर सबकी निगाह टिकी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि भारत रूस और फ़्रांस के साथ भी कई समझौते करने वाला है।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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