G20 Summit: जी 20 की दिल्ली बैठक (G20 Summit) का अंतिम परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन दिल्ली को इस बैठक से एक बड़ा लाभ होता दिख रहा है। भारत अचानक ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा है। कह सकते हैं कि लगभग आधी दुनिया भारत के साथ खड़ी होती दिख रही है और भारत उन सभी देशों की आवाज बनकर उभर रहा है जो कम विकसित हैं और विकासशील देशों में भी अभी सबसे पिछले पायदान पर हैं।
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जानकार भी कह रहे हैं कि जिस तरह से भारत शांति का संदेश देता रहा है अगर इसी राह पर पूरी दुनिया साथ आ गई तो भारत की छवि दुनिया में एक अलग तरह की होगी। भारत विश्वगुरु भी बन सकता है। लेकिन यह विश्वगुरु विकास के जरिये अभी संभव नहीं है। भारत अभी विकास के पैमाने पर काफी पीछे हैं। यह विकसित देशों की श्रेणी में भी नहीं पहुंचा है। फिर दुनिया के दर्जन भर से ज्यादा देश भारत से आगे हैं और वे विकसित देश कहलाते हैं। जो देश आज विकसित देश हैं वहां विज्ञान के चमत्कार है और विज्ञान की बदौलत ही आज वे देश दुनिया के शीर्ष स्थान पर खड़े हैं।
दिल्ली में आयोजित जी 20 की बैठक (G20 Summit) का आज दूसरा और आखिरी दिन है। कई तरह के समझौते आज होने हैं। सभी सदस्य देश अपने-अपने हिसाब से अन्य देशों के साथ भी बैठकें कर रहे हैं। शनिवार को समिट के पहले दिन ही भारत ने सौ से अधिक मुद्दों पर सहमति हासिल करके राजनयिक इतिहास रच दिया। इसमें सबसे अहम सहमति संवेदनशील रूस यूक्रेन युद्ध पर साझा बयान जारी करना था। जी 20 समिट (G20 Summit) की इस राजनयिक सफलता ने अचानक भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज बना दिया।
राजनयिक मामलों की जानकारी रखने वाले जानकारों की माने तो भारत में इतिहास तो उस सुबह ही बन गया था जब पीएम मोदी ने अफ़्रीकी संघ को जी 20 समूह में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को सभी देशाें की सहमति मिली थी। बता दे कि अफ़्रीकी यूनियन जी 20 में 55 देशों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। जो पूरे महाद्वीप के लिए अहम क्षण है।
जी 20 (G20 Summit) घोषणा पत्र को जारी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह युग-युग का युग नहीं है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के साथ दुनिया नहीं चल सकती। हमें अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नयी दिल्ली जी 20 लीडर्स समिट डेक्लरेशंस पर आम सहमति बन गई है। मैं यह भी घोषणा करता हूं कि इस घोषणा पत्र को स्वीकार कर लिया गया है।
भारत की ताकत अब केवल दक्षिण एशिया में ही नहीं बढ़ी है। सच तो यह भी है कि भारत अब ग्लोबल साउथ की ताकत भी बना है और उसकी आवाज भी। कह सकते हैं कि दुनिया की आधी आबादी का नेतृत्व अब भारत करता दिख रहा है।