नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड का दोषी एजी पेरारिवलन अब जल्द ही जेल से रिहा हो जाएगा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 में मिली अपनी अपरिहार्य शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पेरारिवलन रिहाई के आदेश दिये हैं। राजीव गांधी हत्याकांड में वह करीब 31 साल से सलाखों के पीछे है।
21 मई, 1991 को तमिलनाडू के श्रीपेंरबूदूर में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा बम विस्फोट करके उनकी हत्या कर दी गयी थी। इस बम विस्फोट में कई और लोगों की भी जान गयी थी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में 19 वर्षीय एजी पेरारिवलन को 11 जून 1991 को गिरफ्तार किया था। उस पर राजीव गांधी की हत्या के लिए बम विस्फोट के मास्टर माइंड शिवरासन को दो 9 वोल्ट की बैटरियां देने का आरोप सिद्ध हुआ था।
और पढ़ें- घाटी में कब तक बहेगा कश्मीरी पंडितों का खून? आतंकियों ने एक और कश्मीरी पंडित की ली जान
राजीव गांधी हत्याकांड में अदालत ने जिन सात लोगों को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाई थी, उनमें पेरारिवलन भी शामिल था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पाये इन सातों लोगों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया था।
वर्ष 2014 और 2016 में तमिलनाडू के राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका के निर्णय लेने के अधिकार को प्रयोग करते हुए जे. जयललिता और एजी पेरारिवलन को जेल से रिहा किये जाने की मांग की था। इस पर एजी पेरारिवलन की रिहाई के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में 11 मई को सुनवाई हुई थी,लेकिन तब शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। आज सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 142 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पेरारिवलन को जेल से रिहाई का आदेश दिया।