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Gandhi Jayanti 2022: आखिर क्या है बापू के जिंदगी से जुड़े सच? जानें ये खास बातें

नई दिल्ली: हात्मा गांधी (Gandhi Jayanti 2022) की जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर को पूरे देश में गांधी जयंती मनाई जाती है। ‘बापू’ के नाम से लोकप्रिय गांधी जी के सिद्धांत अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित थे। देश की आजादी के प्रमुख योद्धा महात्‍मा गांधी को कौन नहीं जानता। लेकिन कुछ ऐसी जानकारी भी है जो शायद आप न जानते हों, आइए जानते महात्‍मा गांधी के बारे में कुछ ऐसी ही दिलचस्‍प बातें।

महात्मा गांधी की जीवनी

 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर गुजरात में जन्‍मे महात्‍मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (Gandhi Jayanti 2022) था। उन्‍हें भारत का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। गांधी (Gandhi Jayanti 2022) जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि राजकोट के दीवान थे और इनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

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30 जनवरी को क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस ?

गांधी (Gandhi Jayanti 2022) ने स्वतंत्रता के लिए सत्य और अहिंसा का रास्‍ता चुना था। 30 जनवरी को गांधी जी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसलिए हर साल भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।

गांधी जी बताते हैं कि कुछ अजनबियों ने कस्तूरबा को चार रुपये भेंट किए थे। लेकिन ऑफिस में पैसे देने के बजाय, उन्होंने उस रकम को अपने पास रख लिया। हालांकि गांधी आगे यह भी कहते हैं कि, “एक या दो साल पहले, उसने (कस्तूरबा) अपने पास एक या दो सौ रुपये रखे थे जो विभिन्न अवसरों पर विभिन्न व्यक्तियों से उपहार के रूप में प्राप्त हुए थे। आश्रम के नियम हैं कि किसी द्वारा मिली कोई भेंट कोई भी ऐसे ही अपने पास नहीं रख सकता। इसलिए उस वक्त उन चार रुपयों को अपने पास रखना गैरकानूनी था।”

प्रधानमंत्री ने दी बापू को श्रंद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है। कई अन्य नेताओं के साथ पीएम मोदी ने भी महात्मा गांधी को राजघाट पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। वहीं, पीएम मोदी शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देने के लिए विजयघाट पहुंचे।

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है। इस मौके पर देश बापू को याद कर रहा है। हर वर्ष 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी एक महान नेता के साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन निडर होकर लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष किया।

1930 को देश में नमक सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के लिए कई बड़े आंदोलन किए थे। उनमें स्वराज और नमक सत्याग्रह आंदोलन सबसे महत्वपूर्ण था। अंग्रेजी शासन में भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था। भारतीयों को इंग्लैंड से आने वाला नमक ही इस्तेमाल करना पड़ता था। इस पर अंग्रेजी हुकूमत ने कई गुना कर लगा रखा था। इस कर हटाने के लिए महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को देश में नमक सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।

महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा से पहले भी पदयात्रा की थी। इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई के दौरान उन्हें रोजाना 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। कहा जाता है कि इसी वजह से गांधी जी को पदयात्रा करने में इतनी मुश्किल नहीं हुई।

गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ में लिखा है कि महात्मा गांधी बचपन में बेहद शर्मीले थे। 10 साल की उम्र के बाद उन्होंने कई स्कूल बदले। उनकी परीक्षा का परिणाम 40-50 फीसदी के बीच ही आता था। यही नहीं, वे स्कूल से भी भाग जाते थे, ताकि किसी से बात न करनी पड़े।

गांधी जी के अनमोल विचार

  • पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है।
  • स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है खुद को औरों की सेवा में लगा देना।
  • आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  • प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
  • जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
  • जो चाहे वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकता है, वह सबके भीतर है।
  • व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
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