National Defence College Course: 64वें राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम (National Defence College Syllabus) के संकाय (Faculty) और पाठ्यक्रम सदस्यों (Course Members) ने आज यानी 1 अक्टूबर, 2024 को राष्ट्रपति भवन (President’s House) में भारत की राष्ट्रपति (President of India) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) से मुलाकात की।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, गतिशील वैश्विक भू-राजनीतिक वातावरण (Dynamic Global Geopolitical Environment) कई चुनौतियां पेश करता है। हाल के दिनों में जिस तेज गति से घटनाएं सामने आई हैं, उसका शायद एक दशक पहले अनुमान नहीं लगाया जा सकता था। इस प्रकार, सभी अधिकारी, चाहे वे सिविल सेवाओं के हों या रक्षा सेवाओं के, उन्हें उन चुनौतियों (Challenges) और कमजोरियों (Weaknesses) के बारे में पता होना चाहिए, जिनका वे सामना करते हैं और उन शक्तियों के बारे में पता होना चाहिए जो ऐसी चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकती हैं। एक ताकत जो उनके पास होनी चाहिए और जिसके बिना काम नहीं चल सकता, वह है अपने संगठनों, देशों और मानवता की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी (Technology) का उपयोग करने में सक्षम होना। नवाचार एक और कारक है जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार रखेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि, आज हमारी सुरक्षा चिंताएँ क्षेत्रीय अखंडता (Security Concerns Territorial Integrity) के संरक्षण से आगे बढ़कर राष्ट्रीय कल्याण (National Welfare) के अन्य क्षेत्रों, जैसे आर्थिक, पर्यावरणीय, ऊर्जा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा मुद्दों को भी शामिल करती हैं। इन चिंताओं को दूर करने के लिए गहन शोध (In-Depth Research) की आवश्यकता है और एक समग्र दृष्टिकोण (Holistic Approach) की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि, साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा (Cyber Attacks National Security) के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं। साइबर हमलों से निपटने और उनका मुकाबला करने के लिए उच्च-स्तरीय तकनीकी हस्तक्षेप (High-Level Technical Intervention) के साथ-साथ मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे (Strong Digital Infrastructure) के साथ-साथ एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित (Trained) और विशेष मानव संसाधन (Specialized Human Resources) की आवश्यकता होती है। यह उन क्षेत्रों में से एक है, जहां सिविल सेवाओं (Civil Services) और सशस्त्र बलों (Armed Forces) को एक साथ मिलकर एक सुरक्षित राष्ट्रव्यापी प्रणाली (Secure Nationwide System) बनाने में सक्षम होना चाहिए, जो ऐसे हमलों को विफल कर सके। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास (Technological Development) ने देशों के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को स्थापित करना और उसका उपयोग करना अनिवार्य बना दिया है। शासन प्रणालियों (Governance Systems) में भारी मात्रा में डेटा और संवेदनशील जानकारी भी उपलब्ध है, जिसे असुरक्षित नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने सभी से इस मुद्दे की गंभीरता को समझने और इसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।