National News.: नाथूराम गोडसे का जब भी नाम सामने आता है कोई कम पढ़ा लिखा आदमी भी कह बैठता है कि वह महात्मा गाँधी का हत्यारा है। दूसरा सवाल यह है कि जब भी गाँधी की मौत की बात आती है तो झट से कोई कह देता है कि गाँधी की हत्या कर दी गई थी और और वह हत्यारा नाथू राम गोडसे है। गाँधी के साथ गोडसे का परिचय इसी रूप में दिया जाता है। भारत में महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता का दर्जा मिला हुआ है। वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। जब तक रहे सत्य के साथ रहे और अहिंसा के खिलाफ बहुत कुछ बलिदान भी करते रहे। यह गाँधी के सत्य और अहिंसा की ताकत ही है जो आज भी उन्हें जिवंत किये हुए हैं और भारत की पहचान बनी हुई है। दुनिया के कई महानायक गाँधी का वरण करते रहे और कहते रहे कि गाँधी जैसा कोई नहीं।
लेकिन अब भारत में ही गाँधी के हत्यारे का महिमामंडन हो रहा है।
अभी गाँधी की चर्चा इसलिए की जा रही है कि उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कह दिया। रावत पिछले बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गोडसे ने गाँधी जी को मारा वह एक अलग बात थी। जहाँ तक मैंने गोडसे को पढ़ा है ,वह एक देश भक्त थे। गाँधी जी की जो हत्या हुई उससे हम सहमत नहीं है।
रावत के इस बयान की काफी आलोचना की जा रही है। लेकिन बीजेपी के नेता अब इस पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। हालांकि गोडसे को देशभक्त बताने वाले रावत कोई पहले नेता नहीं है। इससे पहले भी बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर ने भी गोडसे को देशभक्त कहा था। वे कई बार गोडसे का महिमामंडन कर चुकी है। वह भी संसद के भीतर। 2019 में ही एक बहस के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त कहा था।
ठाकुर के बयान के बाद संसद में हंगामा मच गया।
विपक्ष ने इस पर काफी शोर मचाया था।
लोकसभा में एसपीजी बिल पर बहस चल रही थी। डीएमके नेता ए राजा ने गोडसे के उस कथन का जिक्र किया जिसमे उसने कहा था कि उसने गाँधी की हत्या क्यों की। इसी दौरान प्रज्ञा ठाकुर बीच में टोकते हुए खड़ी हो गई और कहने लगी कि आप किसी देशभक्त का उदहारण नहीं दे सकते। तब राजा ने कहा कि गोडसे ने खुद कहा था कि उसने गाँधी की हत्या की है। उसे गाँधी से बैर था। उसके बाद ही उसने गाँधी की हत्या करने का निश्चय किया था।
इसके अलावा जनवरी 2021 में भी प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे की तुलना देशभक्त से की थी। तब दिग्विजय सिंह कोई बयान दे रहे थे जिसमे सिंह ने गोडसे को पहला आतंकवादी कहा था। फिर जबाव देते हुए ठाकुर ने गोडसे की तुलना देशभक्त से की थी। कई दिनों तक इस पर चर्चा चलती रही।