Religion and politics in LokSabha 2024: मंदिर-मस्जिद पर फिर छिड़ा महायुद्ध! कट्टरपंथियों का आतंक, कैसे होगा अंत?
![Mandir Masjid Vivad: A war broke out again over temple-mosque! How will the terror of fundamentalists end?](http://newswatchindia.com/wp-content/uploads/2024/05/MixCollage-12-May-2024-05-20-PM-526-780x470.jpg)
Religion and politics in LokSabha 2024: हिंदुस्तान में मंदिर और मस्जिद को लेकर 24 घंटे.356 दिन संग्राम छिड़ा रहता है। स्लिम वोट बैंक के लिए जमकर महासंग्राम होता है। नेताओं में होड़ मचती है। इसी कड़ी में फतेहपुर सिकरी के बाद अब एक ओर मंदिर-मस्जिद जैसा विवाद बढ़ने के आसार बन गए हैं। अजमेर की ऐतिहासिक इमारत अढ़ाई दिन के झोपड़े को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
जैन समाज ने अढ़ाई दिन के झोपड़े में जैन मंदिर होने का दावा किया है। जैन संत आचार्य सुनील सागर महाराज की ओर से यह दावा किया गया है कि यहां जैन मंदिर रहा होगा।सुनील सागर जी महाराज ने कहा कि अभी यह मस्जिद के रूप में दिखाई दे रहा है यहां कई ऐतिहासिक मूर्तियां भी स्थापित थी जिन्हें खंडित किया गया सबकी अपनी-अपनी मान्यता और धारणाएं होती है। विरासत की सुरक्षा बनी रहे ऐसे में शांति और सद्भावना की आवश्यकता है।
संतो के झोपड़े में प्रवेश के दौरान स्थानीय मुस्लिम लोगों द्वारा उन्हें रोकने का भी प्रयास किया गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद यहां हलचल बढ़ गई । अजमेर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवत चिश्ती ने पहले मीडिया से बातचीत करने के लिए इंकार किया, बाद में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वह जैन संत के ढाई दिन के झोपड़े पर पहुंचने पर आपत्ति दर्ज कर रहे हैं।
अजमेर दरगाह के अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि नग्न अवस्था कैसे ढाई दिन के झोपड़े पर पहुंच गए है। यह बात गलत हो रही है कभी ख्वाजा गरीब नवाज की शान में गुस्ताखी हो रही है…..खादिमों की संस्था के सचिव के ऑडियो वायरल होने के बाद जैन समाज और हिंदूवादी संगठनों ने कड़ा ऐतराज जताया है।
विश्व हिंदू परिषद के मौजूद पधाधिकारीयो ने हस्तक्षेप करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। आपको बता दें कि ढाई दिन का झोपड़ा पर कई बार विवाद का इतिहास रहा है।
कुछ इतिहासकारों का कहना है कि पहले ये काफी विशालकाय संस्कृत कॉलेज हुआ करता था, जहां संस्कृत में ही सारे आधुनिक विषय पढ़ाए जाते थे।इसके बाद अफगान के शासक मोहम्मद गोरी जब घूमते हुए यहां से निकला, उसी के आदेश पर सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने संस्कृत कॉलेज को हटाकर उसकी जगह मस्जिद बनवा दी। परिसर में हिंदू, इस्लामी और जैन वास्तुकला की मिलाजुली झलक देखने को मिलती है।
कुछ समय पहले भी ढाई दिन के झोपड़े को दीवारों पर स्वस्तिक मिले थे। इसकी जांच करने की मांग सामने आई थी लेकिन उसके बाद मामला शांत हुआ लेकिन अब एक बार फिर जैन संत ने यह मंदिर होनेका दावा कर इसे वापस जाग्रत कर दिया है। अब इस मामले मेंकिस तरह के कदम उठाए जाते हैं यह देखने वाली बात होगी। साथ ही ये मामला कब तक शांत हो पाता है ये भी देखना होगा।