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लोभी जनता ठग सरकार अब देखो हरियाणा का हाल!

Political news: पिछले कई सालों से किसी मुद्दे पर चुनाव नहीं हो रहे। विकास का मुद्दा तो पहले ही बौना हो गया है। विकास की बात जनता को लुभाती नहीं। आजादी के बाद से ही विकास -विकास के नारे लगते रहे हैं लेकिन विकास के मुद्दे पर आज तक किसी भी पार्टी की जी नहीं हुई। जिसने खूब विकास किया वह भी चुनाव में चित हो गए और जिसने कोई विकास नहीं किया वे चुनाव जीतकर बमबम करते रहे।


भ्र्ष्टाचार का मुद्दा भी लोगों को आकर्षित नहीं करते। आखिर समाज में कौन भ्रष्ट नहीं है इसकी पुष्टि कौन कर सकता है ? जो सबसे ज्यादा बेईमान है वह सबसे ज्यादा ईमानदार बना हुआ है। ये बातें राजनीति की ही नहीं है। समाज के हर क्षेत्र का यही है हाल है और हर जनता भी कमोबेस इसी खेल से गुजर रही है। कोई ईमानदार और गरीब आदमी न चुनाव जीत सकता है और न ही कोई पार्टी ऐसे लोगों को टिकट ही देती है।


अपने पड़ोस के नेताओं को देख लीजिये। पता चलेगा कि जो नेता पहले गिरहकट का काम करता था। दलाली करता था ,बिल्डर या प्रॉपर्टी का कारोबार करता था अब नेता हो गया है। जो समाज का सबसे घिनौना आदमी था अब समाज को ज्ञान दे रहा है। पढ़े लिखे लोग ज्यादातर चुनावी खेल में रूचि नहीं रखते और मुर्ख और दलाल नेता पढ़े लिखे का सामना करना भी नहीं चाहते। नेताओं को भीड़ की जरूरत होती है। ऐसी भीड़ जो लोभी हो ,बेईमान हो ,अनपढ़ हो और सबसे बड़ी बात पाखंडी भी हो। पाखंड उसे ही कहते हैं कि यह जानते हुए कि सब कुछ विज्ञान के अधीन है और कोई ऐसी शक्ति है जो संसार का सञ्चालन कर रहा है लेकिन उसे कोई जानता तक नहीं। कलयुग में कहा गया है कि कर्म करो और आगे बढ़ो।

यह भी कहा जाता है कि धर्म और भगवान् को अलग भी रख दो तो जो काम करेगा वह भूखे नहीं मरेगा। लेकिन इस सत्य को जनता मानती कहाँ ! धार्मिक उपदेश देने वाले इस सत्य को छुपा जाते है। वे जानते हैं कि अपने मुर्ख भक्तो को भी यह बता दिया गया कि मेहनत करो और पेट भरो तो कोई यकीन भी नहीं करेगा और फिर उपदेशक की कहानी भी ख़त्म हो जाएगी।

चारो तरफ आडम्बर ही आडम्बर है। पाखंड की ज्योति जल रही है। गेरुआ वस्त्र भगवन राम और और माता सीता ने भी धारण किया था। जिंदगी भर सच के साथ रहे। समाज कल्याण के लिए लड़ते रहे। अपना त्याग करते रहे। कभी किसी पर गुस्साए नहीं। कभी किसी का अहित नहीं किया। सबके सामने नतमस्तक ही होते रहे। राम भी शिव के ही भक्त थे। वही शिव जिसक्रे भक्तो की कतार भी राक्षस भी थे और देव मदनव और मानव भी। प्रकृति का एक एक कण उनका भक्त था। शिव की पूजा का न कोई विधान है और न ही कोई झमेला। शिव देवो के भी देव है। संसार के कल्याण के लिए वे कई बार रूप भी बदले। माता काली ,दुर्गा ,पर्वती और सती के साथ भी लड़ते रहे। खुद को आहूत करते रहे। तभी तो वे शिव कहलाये। महादेव कहलाये। उधर राम भी त्याग की मूर्ति थे ,मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। लेकिन आज जो गेरुआ या भगवा धारण किये हुए हैं उनमे किसी के पास केवल एक गुण सच बोलने का भी है ? जो सच बोलेगा वह किसी से डरेगा नहीं। महादेव कहाँ डरते थे ? प्रभु श्रीराम किस्से डरे ? लेकिन आज के भगवाधारी सबके सब डरपोक हैं। कारण है कि वे पाखंडी हैं ,झूठे हैं और ठग भी। राजनीति में जो दीखता है वह सच नहीं। यही हाल आम लोगों का भी है।

अब पूरी राजनीति ठगी पर आधारित है। कर्नाटक में कोई मुद्दा नहीं था। कांग्रेस ने बीजेपी से बड़ा जाल फेंका। कांग्रेस को लग गया कि जनता परेशान है और लोभ ग्रस्त भी। उसने बीजेपी से बड़ा दाव खेला। पांच गारंटियों की चर्चा की। नकदी घर में आने लगे तो कुआँ उसे मना करेगा।बीजेपी के राज में पांच सेर अनाज की कहानी अब ढीली पद गई थी। कांग्रेस में बड़ा दाव खेला। उसकी जीत हो गई।

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अब हरियाणा भी उसी राह पर है। हरियाणा की सरकार तो वैसे भी बदनाम है। जिस प्रदेश की पहलवान लडकियां जो हमारे देश की शान है मान है वह महीने भर से यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ाई लड़ रही है लेकि हरियाणा की सरकार चुप है। सरकार के सभी लोग भगवा धरण किये हुए हिन् लेकिन सत्य से कोसों दूर। झूठ बोलना राजनीति का शगल है और ठगना नेताओं का पहला चरित्र। जो जितना बड़ा पैतराबाज होगा वह उतना बड़ा नेता कहलाता है। समझ गए न .

अब हरियाणा में चुनाव है। लोकसभा के साथ ही विधान सभा के चुनाव भी। कांग्रेस के लोग अभी से ही वादों की झड़ी लगा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो पांच सौ में रसोई गैस ,तीन सु यूनिट बिजली फ्री ,दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी ,बुढ़ापा पेंशन हर महीने 6000 रुआपये। और हर गरीब परिवार को सौ -सौ गज का प्लाट।

अब आप ही बताइये कौन बेवकूफ होगा जो ऐसी सरकार को नहीं चाहेगा ? लोभी जनता को इससे ज्यादा क्या चाहिए ? ठगी देखिये इन वादों में कही नहीं है कि सभी को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा दी जाएगी। चुकी उस मुद्दे पर कोई सहमत नहीं होगा।

यही काम बीजेपी भी करती रही है। वह भी तो इस खेल का खिलाड़ी है। इस खेल की शुरुआत तो उसी ने की है। अब सबकी बारी है। आने वाले चुनाव में जिसके वादे सबसे बड़े उसकी जीत की गारंटी सबसे ज्यादा। बीजेपी को लग रहा था कि धर्म और हिन्दू मुसलमान के खेल पर लोगों को बरगलाया जा सकता है। लेकिन अब तो कई साल तक बीजेपी यही सब करती रही। धार्मिक राजनीति और भगवान राम के नारे अब पाखंडियों के गले नहीं उतरती। जो बड़ा पैसा देगा जनता उसे ही वोट देगी।

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Team News Watch India

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